नई दिल्ली। लद्दाख के गलवां घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद कांग्रेस और बीजेपी आमने—सामने आ गयी है। गलवां में शहीद हुए 20 जवानों की शहादत को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी करके केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि चीन ने हमारे निहत्थे जवानों पर हमला करने की हिम्मत कैसे की? इसके साथ ही पूछा कि हमारे जवानों को हथियारों के बिना शहादत के लिए क्यों भेजा गया?
राहुल गांधी के इन सवालों का विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने जवाब दिया है। विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘आइए हम तथ्यों को समझते हैं। सीमा पर सभी सैनिक हमेशा हथियार लेकर जाते हैं, खासकर जब पोस्ट छोड़ते हैं। 15 जून को गलवां में सैनिकों ने ऐसा ही किया।
Let us get the facts straight.
All troops on border duty always carry arms, especially when leaving post. Those at Galwan on 15 June did so. Long-standing practice (as per 1996 & 2005 agreements) not to use firearms during faceoffs. https://t.co/VrAq0LmADp
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 18, 2020
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लंबे समय से चली आ रही प्रथा है कि (1996 और 2005 के समझौते के अनुसार) फेसऑफ के दौरान आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं करना है। बता दें कि, गलवां घाटी में 15 जून की रात कमांडिंग आॅफिसर की अगुवाई में भारतीय सेना का एक दल पहुंचा था। इस दौरान चीनी सैनिकों ने धोखे से कंटीली तारों, लोहे की रॉड और पत्थरों से भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया। इस अचानक से किए गए हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए।