नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के मौके पर आज देश को संबोधित किया। गुजरात के केवड़िया में पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना संबोधन दिया। पीएम ने इस संबोधन के दौरान संविधान और कानून को लेकर अपने विचार रखे। उन्होंने देशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं भी दीं। केवड़िया में 80 वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के मान्य सत्र के समापन समारोह पर पीएम मोदी ने ये संबोधन दिया।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले को याद करते हुए हमले में मारे गए जवानों को याद किया। इस मौके पर पीएम ने संविधान को लेकर कहा कि हर नागरिक का आत्मसम्मान और आत्मविश्वास बढ़े, ये संविधान की भी अपेक्षा है और हमारा भी ये निरंतर प्रयास है। ये तभी संभव है जब हम सभी अपने कर्तव्यों को, अपने अधिकारों का स्रोत मानेंगे, अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। इसके साथ ही पीएम ने कहा कि कोरोना के इसी समय में हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती भी दुनिया ने देखी है।
इतने बड़े स्तर पर चुनाव होना, समय पर परिणाम आना, सुचारु रूप से नई सरकार का बनना, ये इतना भी आसान नहीं है। हमें हमारे संविधान से जो ताकत मिली है, वो ऐसे हर मुश्किल कार्यों को आसान बनाती है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव सिर्फ बहस का विषय नहीं है, यह भारत की जरूरत है।
देश में हर कुछ महीनों में कहीं न कहीं चुनाव होता है और इसका प्रभाव विकास कार्य पर पड़ता है। इस मुद्दे का अध्ययन करने की आवश्यकता है और पीठासीन अधिकारी इसके लिए मार्गदर्शक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं, उनको हटाने की प्रक्रिया भी आसान होनी चाहिए। बीते सालों में ऐसे सैकड़ों कानून हटाए जा चुके हैं।