मुंबई। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में नागरिकता संशोधन कानून (CAA), एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विपक्ष की मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से गांधी शांति यात्रा शुरू हो गई है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर एनसीपी चीफ शरद पवार पहुंच गए हैं। उनके साथ नवाब मलिक, प्रकाश आंबेडकर और पृथ्वीराज चव्हाण भी मौजूद हैं. मुंबई से शुरू हुआ यह गांधी मार्च 21 दिन बाद दिल्ली के राजघाट पर खत्म होगा।
दरअसल, सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ और दिल्ली के जेएनयू हमले जैसी ‘सरकार प्रायोजित हिंसा’ की सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर यशवंत सिन्हा मुंबई से शुरू हो रही बहुराज्यीय यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं।
गांधी शांति यात्रा शुरू करने से पहले यशवंत सिन्हा ने कहा कि वह लोगों से मिलेंगे और लोगों को सीएए और एनआरसी को लेकर अपना संदेश देंगे। वह लोगों को बताएंगे कि सीएए और एनआरसी से उनका क्या नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हम अंबेडकर जी द्वारा बनाए गए संविधान की रक्षा करेंगे और गांधी जी की दोबारा हत्या नहीं होने देंगे।
बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने अभी हाल में नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला किया था। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया पहुंचे यशवंत सिन्हा ने कहा था कि केंद्र सरकार ने कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों जैसा बनाने का दावा किया था, लेकिन हालात ऐसे बन गए हैं कि अब पूरा देश ही कश्मीर बन गया है।
ये दोनों नेता नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और जज लोया की संदिग्ध मौत का मुद्दे अपनी यात्रा के दौरान उठाएंगे। दोनों नेता मोदी सरकार के कटु आलोचक रहे हैं। यशवंत सिन्हा बीजेपी में रहे हैं लेकिन मौजूदा सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। दूसरी ओर, पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी छोड़ कांग्रेस जॉइन कर ली थी।