मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना और भाजपा में चल रही तकरार पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने तंज कसा है। उन्होंने पूछा है कि ये 50-50 क्या है? क्या ये एक नया बिस्किट है? कितना 50-50 करोगे? कुछ महाराष्ट्र की जनता के लिए भी बचाकर रखिए। वे (भाजपा और शिवसेना) सतारा में हुई बारिश से हुए नुकसान पर कोई चिंता नहीं है। वे सभी 50-50 की बात कर रहे हैं. यह किस तरह का ‘सबका साथ सबका विकास’ है?’
AIMIM प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में बीजेपी या शिवसेना में से किसी को समर्थन नहीं देगी। ओवैसी ने आगे तंज कसते हुए कहा, ‘यह 50-50 क्या है, क्या कोई नया बिस्किट है (बाजार में)? आप 50-50 कितना करेंगे ? कुछ करें ? ओवैसी ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वे (भाजपा और शिवसेना) सतारा में बारिश से हुई तबाही के बारे में परेशान नहीं हैं। किसान चिंतित हैं लेकिन सभी 50-50 की बात कर रहे हैं।’
बीजेपी और शिवसेना, जो महाराष्ट्र में गठबंधन सरका का हिस्सा हैं, उन्होंने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन अब शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर समझौते पर जोर रही है। भाजपा ने कहा है कि दो-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद साझा करने पर दोनों पार्टियों के बीच कोई समझौता नहीं हुआ था। बता दें, महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 105 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें हासिल की हैं।
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पार्टी की मांग उचित है और भाजपा से साथ सत्ता साझा करने का आधार जीती गई सीटों की संख्या नहीं, बल्कि चुनाव से पहले हुआ समझौता होना चाहिए। राउत ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘सरकार का गठन (चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना के बीच) पहले बनी सहमति के आधार पर होना चाहिए। यह इस आधार पर नहीं होना चाहिए कि सबसे बड़ा एकल दल कौन सा है।’’