नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस (INX Media Case) में जांच का सामना कर रहे पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम (P Chidambaram) को फिलहाल तिहाड़ जेल नहीं जाना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि वह जमानत के लिए निचली अदालत में अपील करें. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी है। इसका मतलब ये हुआ कि अगर निचली अदालत में जमानत की अपील खारिज हो जाती है, तो चिदंबरम सीबीआई हिरासत में ही रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने अपने मुवक्किल की बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कहा कि वह 74 साल के व्यक्ति हैं, उन्हें रखना ही है, तो घर में नजरबंद रखा जाए, इससे किसी को कोई नुकसान नहीं होगा। इसपर कोर्ट ने कहा कि चिदंबरम के हाउस अरेस्ट (नज़रबंद) के लिए भी निचली अदालत में अपील की जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी।
15 दिन तक ही हो सकती है हिरासत
कानून के अनुसार, जिस मामले में चिदंबरम आरोपी हैं उसमें पुलिस हिरासत की अधिकतम अवधि 15 दिन है। चिदंबरम ने पहले अदालत को बताया कि जांच एजेंसी ने पैसे से संबंधित कोई दस्तावेज पेश नहीं किया। चिदंबरम ने शुक्रवार को विशेष सीबीआई जज अजय कुमार कुहर को बताया, ‘वे लगातार मुझे तीन फाइलें दिखा रहे हैं। आज भी वही फाइलें मुझे लगातार 2.5 घंटे से ज्यादा दिखाई गईं।’
क्या है मामला
15 मार्च 2007 को INX मीडिया ने एफआईपीबी की स्वीकृति के लिए वित्त मंत्रालय के सामने आवेदन किया, जिसमें एफआईपीबी ने 18 मई 2017 को इसके लिए सिफारिश की। लेकिन बोर्ड ने INX मीडिया द्वारा INX न्यूज़ में अप्रत्यक्ष रूप से निवेश की अनुमति नहीं दी। यहां तक कि INX मीडिया के लिए भी एफआईपीबी ने सिर्फ 4.62 करोड़ रुपये से ज्यादा के FDI निवेश की अनुमति नहीं दी।
सीबीआई के अनुसार INX मीडिया ने नियमों को नजरअंदाज किया और जानबूझकर INX न्यूज़ में 26 प्रतिशत के लगभग निवेश किया। यही नहीं उन्होंने 800 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से अपने शेयर को जारी करके INX मीडिया के लिए 305 करोड़ की एफडीआई जुटाई जबकि उन्हें सिर्फ 4.62 करोड़ रुपये एफडीआई की ही अनुमति थी।