नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान के पैरों तले ज़मीन किसक गई है। इस लिए पाकिस्तान पूरी दुनिया को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ गुमराह करने की कोशिश एक बार फिर से नाकामयाब हो गई। गुरुवार यानी 19 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में कश्मीर पर प्रस्ताव पेश करने का अंतिम दिन था, लेकिन पाकिस्तान इसके लिए जरूरी मत नहीं जुटा सका। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के कश्मीर पर प्रस्ताव को अधिकतर देशों ने साथ देने से मना कर दिया।
दरअसल, यूएनआरसी में इस प्रस्ताव को प्रस्तुत करने के करने के लिए न्यूनतम 16 देशों का साथ चाहिए था। पाकिस्तान और इमरान खान (Imran Khan) पूरी दुनिया के सामने भले कश्मीर को लेकर गलत तथ्य पेश कर रहे हों, लेकिन दुनिया पाकिस्तान के असलियत को जान गई है, और इसलिए पाकिस्तान को साथ नहीं रहा है। इस समय जिनेवा में UNHRC का 42वां सत्र चल रहा है। पाकिस्तान न्यूनतम समर्थन जुटाने में भी नाकाम रहा।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के दौरान भारत की सचिव कुमम मिनी देवी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हमारा फैसला भारत का संप्रभु और आंतरिक मामला है। हमारे फैसले को गलत तरीके से पेशकर पाकिस्तान इलाके को लेकर अपनी नीयत छिपा नहीं सकता है। एक बार पीओके और पाकिस्तान के इलाकों के संदर्भ में बात होनी चाहिए। लोगों का गायब होना, हिरासत में रेप की घटना, हिरासत में हत्या की घटना, प्रताड़ित करना, समाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारों के मानवाधिकारों का उल्लंघन वहां आम बात है।
बता दें, पाकिस्तान को इस मुद्दे पर इस्लामिक सहयोग संगठन के 57 देशों का भी समर्थन प्राप्त नहीं हो सका। भारत के खिलाफ कश्मीर पर प्रस्ताव लाने की पाकिस्तान की एक और साजिश धरी करी धरी रह गई। पाकिस्तानी राजनयिक गुस्से में यूएनएचआरसी परिसर से बाहर आ गए।