लखनऊ। यूपीपीसीएल में हुए पीएफ घोटाले की ईओडब्ल्यू हर पहलू पर जांच कर रही है। जांच में घोटाले से जुड़े लोगों की भूमिका भी उजगार हो रही है। इस दौरान सामने आया कि ब्रोकर फर्मों के संचालकों के कहने पर कई बार नियम में बदलाव किया गया। वहीं, शनिवार को ब्रोकर कम्पनी एसएमसी के संचालक और सीए से दोबारा पूछताछ की गई। पूछताछ में ईओडब्ल्यू के सामने सीएम ने कई अहम जानकारी दी।
इसके अलावा दो कम्पनी के सीए ने खुलासा किया कि किस तरह से पीएनबी हाउसिंग लि. में सबसे पहले निवेश करने पर 10 करोड़ रुपये कमीशन मिला था। जानकारी मिलने पर ईओडब्ल्यू ने तीन बैंक खातों को ब्योरा खंगालना शुरू कर दिया है। सूत्रों की माने तो एसएमसी के संचालक दीपक चिलकोटी और सीए आलोक गर्ग से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की गई। इस कम्पनी के सीए अतुल गर्ग से पहले पूछताछ हो चुकी है।
अतुल के जो बयान दर्ज हुए थे, उससे आलोक के बयानों का मेल भी कराया गया। इसमें कुछ बातें विरोधाभासी मिली जिन पर सवाल जवाब किये गए। वहीं, ईओडब्ल्यू की जांच में दो ब्रोकर कंपनियों के बैंक खातों से कमीशन का खेल भी सामने आया है। इसमें एक कम्पनी को 32 हजार रुपये और दूसरी कम्पनी को 60 लाख रुपये ब्रोकरेज के तौर पर मिले।
दोनों ही कम्पनियां अचानक ही अस्तित्व में आयी थीं। जांच में यह भी सामने आयी कि ब्रोकर फर्म भले ही कुछ दिन पूर्व बनीं थीं लेकिन उनके संचालकों के कहने पर नियमों में बदलाव किए गए।ईओडब्ल्यू के मुताबिक इन फर्म संचालकों और उनके सीए के एक दर्जन से अधिक मोबाइल नम्बर खंगाले गए। इनसे काफी जानकारी मिली है। कुछ खातों का ब्योरा भी निकलवाया है।