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चक्रवाती तूफान ‘यास’ के खतरे पर पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक, नौसेना ने कसी कमर

देश में चक्रवात ताउते के बाद अब तूफान यास का खतरा मंडरा रहा है। चक्रवात यास के 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की आशंका है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार यानी आज राष्ट्रीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस बैठक में तूफान से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। देश में चक्रवात ताउते के बाद अब तूफान यास का खतरा मंडरा रहा है। चक्रवात यास के 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की आशंका है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार यानी आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस बैठक में तूफान से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की है।

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चक्रवात यास को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधियों, दूरसंचार, बिजली, नागरिक उड्डयन और पृथ्वी विज्ञान के मंत्रालयों के सचिवों के साथ बैठक की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘यास’ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। पीएम मोदी ने अधिकारियों से तटीय गतिविधियों में शामिल लोगों को समय रहते सुरक्षित बाहर निकालने को कहा है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्री भी मौजूद रहे।

बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्वी हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह 24 मई तक चक्रवाती तूफान यास का रूप ले लेगा। मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात यास के उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है, जो 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटों में बेहद चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। मौसम विभाग ने इससे पहले अनुमान लगाया था कि यास 26 मई को बंगाल व ओडिशा तट से टकराएगा। इसके चलते दोनों राज्यों मे 22 से 26 मई तक भारी बारिश का भी पूर्वानुमान है।

 

भारतीय नौसेना ने यास की चेतावनी के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य के लिए कमर कस ली है। पूर्वी तट पर नौसेना के मानवीय सहायता एवं आपदा राहत समूह (एचएडीआर) ने चार जहाजों और हवाई जहाजों को स्टैंडबाय पर रख लिया गया है। साथ ही गोताखोरों और मेडिकल टीमों को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। विशाखापत्तनम में आईएनएस डेगा, चेन्नई में आईएनएस रजाली भी मोर्चे के लिए तैयार हैं। आठ बाढ़ राहत टीमें और चार गोताखोरों की टीमें पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में तैनात कर दी गई हैं।

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