वाराणसी। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करना एक दंपित को भारी पड़ गया। पर्यावरण को लेकर काम करने वाले दंपित रवि और एकता को वारणसी पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। तब से आज तक आठ माह के बच्ची को अपने माता-पिता का इंतजार है। ये कहानी वाराणसी के महमूरगंज इलाके के शिवाजी नगर की है। वहीं, इसको लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अफसोस जाहिर किया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि, ‘एक परिवार का एक साल का बच्चा अकेले है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन की ये सजा। सरकार का व्यवहार हद से बाहर हो चुका है।’
बता दें कि, रवि और एकता के बच्ची का नाम चम्पक है। परिजनों का कहना है कि, हम कैसे ख्याल रख रहे हैं यह हम कैसे बताएं। शाम होते ही इसे मम्मी या पापा में से कोई एक लोग चाहिए। हम कोशिश कर रहे हैं कि इसे उनकी याद ही ना आए। जब भी दरवाजे पर कोई आ रहा है इसे लग रहा है कि इसके मम्मी-पापा आ गए हैं। ये लगातार दरवाजे की तरफ ही देख रही है।
गिरफ्तार हुए एक्टिविस्ट दंपति रवि शेखर और एकता शेखर के अलावा उनके घर में बूढ़ी मां, बड़े भाई और भाभी ही रहते हैं। दंपित के जेल जाने के बाद बूढ़ी दादी और बड़ी मां पर आ गई है। बड़ी मां देवोरिता का कहना है कि रवि और एकता 19 दिसंबर को ये कहकर गए थे कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे हैं और आते वक्त बच्ची के लिए डायपर और दूध लेकर आएंगे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि शाम होते-होते दोनों की गिरफ्तारी की खबर उन तक आएगी।
बच्ची की सेहत पर पड़ रहा असर
रवि और एकता के जेल जाने के बाद उनकी आठ माह की बच्ची पर काफी असर पड़ रहा है। दादी शीला तिवारी ने कहा कि, बच्ची अभी भी अपनी मां का दूध पीती थी उनके जेल जाने के बाद इसकी सेहत पर काफी असर पड़ रहा है। इसक कारण बच्ची का वजन भी लगातार कम होता जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बच्ची के स्वास्थ्य के लिए आगे डॉक्टर के पास जाने की नौबत आ सकती है।