नई दिल्ली। नए भारतीय पासपोर्ट में नज़र आ रहे कमल के फूल पर सियासत गरमा गई है। पासपोर्ट पर कमल का निशान छापे जाने पर विपक्ष मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है। दूसरी तरफ विदेश मंत्रालय ने कमल के निशान पर सफाई दी है कि यह फर्जी पासपोर्ट की पहचान करने के लिए सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया कदम है।
विपक्षी सदस्यों द्वारा लोकसभा में नए पासपोर्ट पर कमल का निशान छापने को लेकर उठाए गए सवाल के एक दिन बाद गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह फर्जी पासपोर्ट का पता लगाने और सुरक्षा मजबूत करने की विशेषताओं का हिस्सा है। अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों का भी बारी-बारी से इस्तेमाल किया जाएगा।
कांग्रेस सांसद एम के राघवन ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान केरल के कोझिकोड में कमल प्रिंट वाले पासपोर्ट बांटे जाने का मुद्दा उठाया था। राघवन ने आरोप लगाया था कि यह सरकारी संस्थानों का भगवाकरण करने की कोशिश है, क्योंकि ‘कमल’ भाजपा का चुनाव चिह्न है। इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘यह प्रतीक हमारा राष्ट्रीय फूल है और फर्जी पासपोर्ट को पहचानने के लिए सिक्यॉरिटी फीचर मजबूत करने का एक कदम है।
उन्होंने कहा कि सिक्यॉरिटी फीचर अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के दिशानिर्देश पर पेश किया गया है। रवीश कुमार ने कहा, ‘कमल के अलावा बारी-बारी से देश के अन्य चिह्नों का इस्तेमाल किया जाएगा। अभी यह कमल है और अगले महीने कुछ और होगा। ये प्रतीक चिह्न भारत से जुड़े हैं जैसे कि राष्ट्रीय फूल और राष्ट्रीय पशु।