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अशरफ गनी का छलका दर्द,अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के लिए क्यों हो गए गमगीन

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. अशरफ गनी अहमदजई पीड़ा है कि अफगानिस्तान का राष्ट्रपति होना इस धरती की सबसे खराब नौकरी (Job) है। इस दर्द के पीछे कुछ सवाल ऐसे हैं जिसका उत्तर अशरफ गनी के पास नहीं है।

By अनूप कुमार 
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वाशिंगटन:अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. अशरफ गनी अहमदजई (President of Afghanistan Dr. Ashraf Ghani Ahmedzai) पीड़ा है कि अफगानिस्तान का राष्ट्रपति होना इस धरती की सबसे खराब नौकरी (Job) है। इस दर्द के पीछे कुछ सवाल ऐसे हैं जिसका उत्तर अशरफ गनी के पास नहीं है। दरअसल, एक खुफिया रिपोर्ट उनकी पीड़ा का कारण है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,अमेरिका की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक छह महीनों के भीतर डॉ. गनी की सरकार गिर सकती है। पूरे अफगानिस्तान पर तालिबानियों(Talibanis) के कब्जे की आशंका है।

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राष्ट्रपतिअशरफ गनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और महिला अधिकारों के पैरोकार हैं।एक विवादित टिप्पणी के कारण उन्हें महिलाओं से माफी भी मांगनी पड़ी।

वक्त बदला और राष्ट्रपति डॉ. अशरफ गनी को एक ऐसे मोड़ से गुजरना पड़ा जो उनके लिए काफी दु:खदायी हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,अक्टूबर 2017 में एक इंटरव्यू में अशरफ गनी अहमदजई ने कहा था कि अफगानिस्तान का राष्ट्रपति होना इस धरती की सबसे खराब नौकरी है। यह कहते समय शायद उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि अफगानिस्तान (Afghanistan) के हालात इतने भयानक हो जाएंगे। 72 साल के डॉ. गनी पिछले वर्ष ही अफगानिस्तान के दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं।

कभी अमेरिकी नागरिक रहे डॉ. गनी अकादमिक विद्वान हैं और अफगानिस्तान में विकास कार्यों के पीछे की वजह माने जाते हैं। गनी कहते हैं कि उनकी अफगानी सेनाएं तालिबानियों का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। इस अस्थिरता के बीच अफगानिस्तान और डॉ. अशरफ गनी पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हैं।

यह दक्षिण एशियाई देश फिर से हिंसा की ओर बढ़ रहे है। दो दशकों बाद अमेरिकी सेनाओं (US forces) की वापसी हो रही है। सितंबर तक सारे सैनिक वापस अमेरिका लौट जाएंगे। तालिबान आधे अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुका है। निर्दोष अफगानी नागरिक मारे जा रहे हैं। तालिबान की शर्त है कि जब तक डॉ. गनी राष्ट्रपति रहेंगे, शांति वार्ता नहीं हो सकेगी।

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