नई दिल्ली। मौजूदा समय में विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के सबसे युवा ओपनर पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) के लिए पिछला साल काफी कड़वा अनुभव लेकर आया था। 20 साल के इस आक्रामक बल्लेबाज को प्रतिबंधित दवाई के सेवन के चलते आठ महीने के प्रतिबंध का सामना करना पड़ा था। हालांकि इसके बाद शॉ ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में जोरदार वापसी की और कई ताबड़तोड़ पारियां खेलीं। यहां तक कि न्यूजीलैंड दौरे पर उन्हें भारतीय टीम के लिए वनडे क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका भी मिला।
पहले ही टेस्ट में ठोका था शतक
पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) का टेस्ट डेब्यू किसी सुनहरे सपने की तरह था जब उन्होंने अपने पहले ही टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ 134 रन की पारी खेलीथी। अगले ही मैच में उन्होंने एक बेहतरीन अर्धशतक भी जड़ा। इस युवा खिलाड़ी के लिए सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन फिर उसके बाद उन्हें पहले चोट और फिर बैन का सामना करना पड़ा।
दवाई लेते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए
पिछले साल के मुश्किल वक्त को याद करते हुए पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने अब कहा है कि ये मेरे लिए बड़ा सबक था। उन्होंने कहा, आपको इस बात का बेहद ध्यान रखना होगा कि आप किस चीज का सेवन कर रहे हैं। एक ड्रग चाहे वो पैरासिटामोल ही क्यों न हो, उसके सेवन में आपको सावधानी बरतनी चाहिए। इस बात का ध्यान सभी युवा क्रिकेटरों को रखना चाहिए। अगर आप छोटी सी भी दवाई ले रहें हैं तो डॉक्टर से अनुमति लेनी चाहिए। अच्छा तो ये होगा कि आप डॉक्टर से प्रतिबंधित पदार्थों की जानकारी हासिल कर लें ताकि परेशानी में पड़ने से बच सकें।
ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए
पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने बताया कि मैंने कफ सीरप लिया था और मुझे ये जानकारी नहीं थी कि उसमें प्रतिबंधित पदार्थ है। मैंने इस वाकये से सबक सीखा है और मैं फिर कभी इसे नहीं दोहराउंगा। यहां तक कि अगर मुझे कोई मामूली दवाई भी लेनी है तो मैं बीसीसीआई डॉक्टर से पूछता हूं कि इसमें प्रतिबंधित पदार्थ तो नहीं है। क्रिकेट से दूर रहना मुश्किल वक्त था। ये एक टॉर्चर की तरह था। ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए।