नई दिल्ली। उत्तर मध्य लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की पूर्व सांसद प्रिया दत्त ने कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे ई-मेल में निजी कारणों का हवाला देते हुए चुनाव नहीं लड़ने इच्छा जताई है।
प्रिया दत्ता उनके पिता सुनील दत्त के निधन के बाद मुंबई उत्तर मध्य संसदीय क्षेत्र से दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रिया दत्त को मोदी लहर में बीजेपी की पूनम महाजन के हाथों मात खानी पड़ी थी। प्रिया के न लड़ने की इच्छा के बाद अब इस सीट से किसी नए उम्मीदवार की तलाश करना आसान नहीं है।
पिछले लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से प्रिया दत्त राजनीति से दूर ही नजर आई हैं। कुछ महीनों पहले उन्हें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव पद से भी हटाया गया था। हालांकि प्रिया दत्त ने कांग्रेस छोड़ने का या राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान नहीं किया है। उन्होंने साथ ही ये भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर वो पार्टी का प्रचार भी करेंगी।
प्रिया दत्त की जगह मुंबई की नॉर्थ सेंट्रल सीट पर दूसरा उम्मीदवार ढूंढना कांग्रेस के लिए मुश्किल भरा साबित होगा। प्रिया दत्त के चलते यह लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए मजबूत मानी जाती है। खासकर तब जब बीजेपी और शिवसेना के रिश्ते तने हुए हैं, तब ये माना जा रहा था कि प्रिया दत्त के जीतने के आसार बन सकते है, लेकिन अब प्रिया दत्त के मैदान में ना होने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को लिखे पत्र में प्रिया ने चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई है। उनका कहा है कि अपने 9 साल के राजनीतिक करियर मैंने अपना काम अच्छी तरह करने की कोशिश की है और मुझे लगता है कि बगैर चुनाव लड़े भी मैं जनता की सेवा कर सकती हूं। उन्होंने कहा कि अब मैं अपने 13 व 11 साल के बच्चों को समय देना चाहती हूं।