नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने गुरुवार को एक वीडियो संदेश जारी करके भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। प्रियंका ने कहा कि इस संकटकाल में सभी राजनीतिक पार्टियों और राजनेताओं को आपसी मतभेद, वैचारिक मतांतरों को भुलाकर लोगों की मदद करनी चाहिए। यूपी में भाजपा ने हमारी एक हजार बसों को लेने से इंकार कर दिया। भाजपा का दावा है कि 12 हजार बसें चलाई जा रही हैं, लेकिन सिर्फ कागज पर। बसों को सड़कों पर उतारा नहीं गया है। प्रियंका ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना महामारी का भयंकर रूप है। लेकिन, भाजपा महाराष्ट्र की सरकार को गिराने की कोशिश कर में लगी है।
प्रियंका वाड्रा ने केंद्र की मोदी सरकार से चार मांग की है। उन्होंने कहा- आज देशभर में कांग्रेस के कार्यकर्ता व नेता उन लोगों के पक्ष में आवाज उठा रहे हैं, जो कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। दस हजार रुपए हर जरूरतमंद के एकाउंट में डाले जाएं। दूसरी मांग ये है कि अगले छह माह के लिए प्रतिमाह साढ़े सात हजार रुपए हर जरूरतमंद के खाते में भेजा जाए। उन प्रवासियों के लिए जो घरों में पहुंचे हैं, उन्हें मनरेगा के तहत 100 से 200 दिन की मजदूरी बढ़ाई जाए। दो माह से छोटे व्यापारियों के पास कोई उद्योग नहीं है। उनकी मदद के लिए वित्तीय पैकेज दें, जिससे वे कर्जदार न हो सकें। उनके हाथों में पैसे आए, जिससे वे इस मुश्किल दौर में अपना गुजारा कर सकें।
प्रियंका ने भाजपा के नेताओं से कहा कि राजनीति बंद करिए, ये राजनीति का समय नहीं है। ये वो दौर है जब सभी राजनेताओं को एकजुट होना चाहिए। अपने राजनीतिक विचाराधारा, मतभेदों को भुलाकर हमें सभी की मदद करनी है। ये सहयोग का समय है। इस देश का हम सब पर कर्ज है। हमारे हर दुख सुख ने जनता ने हमारा सहयोग दिया। आपकी विजय में हमारी पराजय में उदारता के साथ खड़े रहे। हमेशा इस देश की जनता ने साथ दिया है। आज देश की जनता दुखी है। त्रस्त है, तड़प रही है।
प्रियंका वाड्रा ने कहा एक बेटा खुद बैल बनकर बैलगाड़ी में परिवार को बैठाकर चल रहा है। एक बेटी अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर 600 किमी साइकिल चल रही है। श्रमिक ट्रेनों में मजदूरों की लाशें पड़ी हैं। एक बच्चे का दम अपने पिता की गोद में टूट रहा है। एक मां की लाश रेलवे के प्लेटफार्म पर पड़ी है, उसका बच्चा उसे जगाने की कोशिश कर रहा है। एक देश की एक एक मां उस दृश्य को देख रही है। एक एक मां रो रही है, उस दृश्य के साथ उसकी भावनाएं जुड़ी है।
हमारी भारत माता रो रही है। लेकिन आप मौन हैं, आगे नहीं आ रहे हैं, कोई सहायता नहीं कर रहे हैं। ये कोई राजनीतिक मांग नहीं, एक मानवता के आधार पर मांग है। आग्रह कर रहे हैं राजनीति छोड़िए। जिस जनता ने आपमें विश्वास रखा, आपको बनाया है, तो समय है हम आप जनता का साथ दें। एक एक भारतवासी के साथ खड़े रहें। जो सबसे ज्यादा तड़प रहे हैं जो सबसे ज्यादा दुखी हैं, उनकी मदद करें। हमारे अध्यक्ष गिरफ्तार हुए हैं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है। मैं जानती हूं कि, वे वहां पर भी लड़ रहे हैं और आप उनके साथ हैं। हम सबका कर्तव्य है कि हम साथ मिलकर जरूरतमंदों की मदद के लिए आवाज उठाएं। मैं आवाज उठा रही हूं, आप भी उठाएं।