नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति (Russian president) व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि रूस (Russia) की भारत को सतह से हवा में मार करने वाली ‘एस-400 मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति तय कार्यक्रम के मुताबिक करने की योजना है। उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब इस सौदे को लेकर अमेरिका की तरफ से चेतावनी दी जा रही है।
भारत ने 2015 में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम ‘एस-400 ‘ट्रिम्फ’ को हासिल करने की इच्छा जाहिर की थी। राष्ट्रपति पुतिन के पिछले साल हुए भारत दौरे के दौरान 5.43 अरब अमेरिकी डालर के इस करार पर दस्तखत किए गए थे। रूस की आधिकारिक समाचार एजेंसी ताश ने पुतिन को उद्धृत करते हुए कहा, ‘भारतीय समकक्ष (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने किसी भी चीज में तेजी लाने को नहीं कहा क्योंकि सब कुछ ठीक चल रहा है।’
भारत और रूस के बीच एस-400 डिफेंस सिस्टम को लेकर 2015 में सौदा हुआ था। अमेरिका तभी से इसका विरोध कर रहा है। रूसी सिस्टम को दुनिया का सर्वोत्कृष्ट एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है। यह दुश्मन की ओर से होने वाले किसी भी हवाई हवाई हमले को 400 किलोमीटर दूरी पर ही खत्म करने में सक्षम है। यह मिसाइल, फाइटर प्लेन और हर तरह के ड्रोन को निशाना बनाने में सक्षम है।
जबकि अमेरिका का बहुचर्चित थाड डिफेंस सिस्टम केवल मिसाइल हमले को ही रोक सकता है। भारत रूसी डिफेंस सिस्टम के लिए पूरी धनराशि का भुगतान कर चुका है, इसलिए इसकी आपूर्ति पूर्व निर्धारित समय से पहले होगी। सिस्टम की पहली बैटरी 2021 में भारत को मिल जाएगी।
एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम
पाकिस्तान ने रूस से यह सिस्टम खरीदने की कोशिश की थी। लेकिन, रूस ने तब साफ कर दिया था कि वो भारत की रक्षा जरूरतों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएगा। एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। यह 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा।
एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा। यह सिस्टम एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है। अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है। वहीं, 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है।