
नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर फ्रांसीसी अखबार मीडिया ने एक बार फिर सनसनीखेज़ खुलासा किया है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि दसॉ एविएशन के पास रिलायंस डिफेंस से समझौता करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दसॉ के आंतरिक डॉक्युमेंट इस बात की पुष्टि करते हैं।
Rafale Deal Dassault French Media Website Mediapart Anil Ambani Offset Partner :
कंपनी ने कहा है कि उसने भारतीय नियमों (डिफेंस प्रॉक्यूरमेंट प्रोसीजर) और ऐसे सौदों की परंपरा के अनुसार किसी भारतीय कंपनी को ऑफसेट पार्टनर चुनने का वादा किया था। इसके लिए कंपनी ने जॉइंट-वेंचर बनाने का फैसला किया। दसॉ कंपनी ने कहा है कि उसने रिलायंस ग्रुप को अपनी मर्जी से ऑफसेट पार्टनर चुना था। यह जॉइंट-वेंचर दसॉ रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) फरवरी 2017 में बनाया गया। BTSL, DEFSYS, काइनेटिक, महिंद्रा, मियानी, सैमटेल। कंपनियों के साथ दूसरे समझौते किए गए। सैकड़ों संभावित साझेदारों के साथ अभी बातचीत चल रही है।
DRAL प्लांट की 27 अक्टूबर 2017 को नागपुर में आधारशिला रखी गई। यह प्लांट फाल्कन 2000 बिजनेस जेट के लिए उपकरण बनाएगा। इन्हें 2018 के अंत तक बना लिया जाएगा। अगले चरण में राफेल एयरक्राफ्ट के पार्ट्स बनाएगा। भारतीय प्रबंधकों की एक टीम को प्रोडक्शन प्रोसेस समझाने के लिए फ्रांस में छह महीने की ट्रेनिंग दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट के दावे अनुसार, रिलायंस डिफेंस के साथ समझौता करके 36 फाइटर जेट्स का कॉन्ट्रैक्ट पाया गया। हालांकि पिछले महीने फ्रांस सरकार और दसॉल्ट ने ओलांद के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया था। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने भी ओलांद के दावे को विवादास्पद और गैरजिम्मेदार बताया था। मंत्रालय ने साप किया था कि भारत ने ऐसे किसी कंपनी का नाम नहीं सुझाया था। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, “समझौते में शामिल फ्रेंच कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू का 50 फीसदी भारत को ऑफसेट या रीइंवेस्टेमेंट के तौर पर देना था।
ओलांद की यह बात सरकार के दावे को खारिज करती है, जिसमें कहा गया था कि दसॉल्ट और रिलायंस के बीच समझौता एक कमर्शल पैक्ट था। जो कि दो प्राइवेट फर्म के बीच हुआ। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं था। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, कि पूर्व राष्ट्रपति के द्वारा दिए गए बयान वाली रिपोर्ट की पुष्टि की जा रही है। सरकार ने जोर देकर कहा कि इस समझौते में न तो भारत सरकार और न ही फ्रांस सरकार की कोई भूमिका थी।