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योगी सरकार के मंत्री Rakesh Sachan के नाम पर 72 सरकारी प्लाट, खुलासा होते ही कहा- वापस करेंगे

फतेहपुर (Fatehpur News) जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि यहां अभिनव सेवा संस्थान-राकेश सचान के नाम पर उद्योग विभाग के मिनी औद्योगिक आस्थान चकहता में 32 और मिनी औद्योगिक आस्थान सुधवापुर में 40 प्लॉट अलॉट किए गए हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

कानपुर/फतेहपुर: फतेहपुर (Fatehpur ) जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि यहां अभिनव सेवा संस्थान-राकेश सचान के नाम पर उद्योग विभाग के मिनी औद्योगिक आस्थान चकहता में 32 और मिनी औद्योगिक आस्थान सुधवापुर में 40 प्लॉट अलॉट किए गए हैं।

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लघु उद्योग भारती, फतेहपुर के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कानपुर में निदेशक उद्योग को इसकी लिखित शिकायत भेजी है। बताया जा रहा है कि सभी आवंटन 2012-13 में हुए। इन आवंटनों के एवज में चुकाई जाने वाली न्यूनतम 10 प्रतिशत सिक्योरिटी मनी भी अब तक जमा नहीं करवाई गई है। न ही प्लॉटों में कोई इंडस्ट्रियल यूनिट लगाई गई। फतेहपुर में उद्योग विभाग के जीएम अंजनीश प्रताप सिंह के अनुसार, आवंटन की रकम जमा नहीं है। रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि इन्वेस्टर्स समिट के दौरान उद्योग लगाने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में इंडस्ट्रियल प्लॉट तलाशे जा रहे थी। उसी दौरान इनके बारे में पता चला।

एक लाइन से अलॉट करवाए प्लॉट
लघु उद्योग भारती, फतेहपुर के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने आयुक्त और निदेशक उद्योग को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि फतेहपुर में आठ इंडस्ट्रियल एरिया हैं। चकहता मिनी औद्योगिक क्षेत्र में कुल 36 प्लॉट हैं। इनमें 32 अलॉट किए गए हैं। सभी 32 प्लॉट (नंबर 1 से 17 और 22 से 36) एक ही व्यक्ति राकेश सचान के नाम हैं। जिसका पता अज्ञात है। इसी तरह मिनी औद्योगिक आस्थान सुधवापुर के 45 प्लॉटों में 40 आवंटित हैं। सभी 40 प्लॉट (नंबर 1 से 40) एक ही व्यक्ति राकेश सचान के नाम हैं। जिसका पता अज्ञात है। इन प्लॉटों में स्थापित उद्योग या प्रयोजन का नाम प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान बताया गया है। बताया जाता है कि इन प्लॉटों पर कभी मौरंग डंप की गई तो कभी अस्थायी गौशाला बनाई गईं।

रिकवरी के प्रयास
फतेहपुर जिला उद्योग केंद्र के जीएम अंजनीश कुमार सिंह ने बताया कि आवंटन अभिनव सेवा संस्थान-राकेश सचान के नाम पर हुआ था। 2012-13 में आवंटन के समय महाप्रबंधक एनके सिंह थे। 10 प्रतिशत रकम की रिकवरी की कार्रवाई की जा रही है। वहीं सत्येंद्र सिंह ने बताया कि आयुक्त उद्योग का चार्ज यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी के पास है। उनके दफ्तर से जांच के लिए दस्तावेज व प्रमाण देने के लिए 22 फरवरी को बुलाया गया है।

फतेहपुर से सांसद थे सचान
राकेश सचान 2009 से 2014 के बीच समाजवादी पार्टी के टिकट पर फतेहपुर से सांसद भी थे। राकेश सचान ही अभिनव सेवा संस्थान के चेयरमैन हैं। इस पर राकेश सचान ने कहा, वर्ष 2012 में मेरी दो संस्थाओं को प्लॉट आवंटित हुए थे, लेकिन विकसित नहीं हो पाए। मैं इस विभाग का मंत्री हूं। तय किया है कि प्लॉटों का आवंटन कैंसल करवा दिया जाए। आवंटन के समय यहां कोई सुविधा नहीं थी। अब भी खेत ही हैं। जल्द ही प्लॉट दूसरे इंडस्ट्रियलिस्ट को अलॉट कर यहां सड़क, बिजली, पानी की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

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