नई दिल्ली। प्रख्यात वास्तुकार और अयोध्या के बहुप्रतीक्षित राम मंदिर का नक्शा तैयार करने वाले चंद्रकांत सोमपुरा कहना है कि वह राम मंदिर के डिजाइन में बदलाव के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर का प्रत्वावित स्वरूप और भव्यता ऐसी होगी कि उसे दुनिया का आठवां अजूबा कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी।
चंदकांत सोमपुरा ने कहा कि राममंदिर का प्रारूप जिस तरह है वैसा दुनिया में कहीं भी नहीं है। यह मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्वितीय और अप्रतिम उदाहरण होगा। चंद्रकांत सोमपुरा ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट निर्देश देती है तो मंदिर को दो से तीन मंजिला तक बनाया जा सकता है।
इसके लिए वह डिजाइन में परिवर्तन करने को भी तैयार हैं। इससे मंदिर की भव्यता में कोई फर्क नहीं आएगा। द्वाका मंदिर सात मंजिला है और देश-दुनिया विदेश के उत्कृष्ट मंदिरों में से एक है। मंदिर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। दर्शनाथियों को कठिनाई नहीं होगी। मूर्ति तो एक जगह रहेगी।
सोमपुरा ने कहा कि अगर मंदिर परिसर क्षेत्र को 67 एकड़ की जगह 100-1200 एकड़ में विस्तारित कर दिया जाए और हम उस हिसाब से मंदिर निर्माण का नया डिजाइन तैयार कर देंगे। ट्रस्ट का निर्देश मिलने के 15 दिन के भीतर ही हम डिजाइन में बदलाव के साथ नया मास्टरप्लान तैयार कर देंगे।
उन्होंने बताया कि मंदिर के मौजूदा डिजाइन के हिसाब से निर्माण में करीब 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी। अगर डिजाइन में बदलाव होता है तो खर्च और भी बढ़ सकता है। निर्माण को समय सीमा में पूरा करने के लिए ज्यादा संसाधन और बजट की जरूरत होगी।
सोमपुरा ने बताया कि मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने के दो साल के भीतर इसे पूरा किया जा सकता है, लेकिन अभी यह ट्रस्ट को तय करना है कि कितनी जमीन पर मंदिर बनेगा। पूरे तीर्थ स्थल को विकसित करने के लिए टाउन प्लानिंग की जरूरत होगी। सरकार, ट्रस्ट और प्रशासनिक अमले को पूरे तीर्थ स्थल का खाका तैयार करने के साथ तय करना है कि किसे क्या जिम्मेदारी दी जाए।
अहमदाबाद में 27 छोटे मंदिर का निर्माण कार्य तो हमने 15 महीने में पूरा कर दिया था। गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर हैं तो काफी लंबा चला था, क्योंकि एक साथ बजट नहीं मिला।उन्होंने कहा कि मंदिर की मुख्य इमारत के अलावा राम की पूरी कहानी को भी मूर्त रूप दिया जा सकता है। हमने गुजरात में अक्षरधाम कॉरिडोर इसी तर्ज पर तैयार किया था।