बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में बीजेपी शासनकाल में 2013 से 2018 के बीच एक हजार करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। हाईकोर्ट ने सात आइएएस और पांच राज्य प्रशासिनक सेवा के अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने क निर्देश सीबीआई को दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सात दिन के भीतर मुकदमा दर्जकर जांच शुरू की जाये और 15 दिनों के अंदर मूल दस्तावेज को जब्त किया जाये। यह घोटाला फर्जी विभाग बनाकर किया गया है। वहीं, जिस अवधि में यह घोटाला सामने आया है उस समय रेणुका सिंह राज्य सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं।
याचिकाकर्ता कुंदन सिंह ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। इसमें इन्होंने कहा था कि अफसर फर्जी विभाग बनाकर हर महीने लाखों रुपये का घोटाला कर रहे हैं, जिसकी जांच की जाये। याचिकाकर्ता ने कहा था कि वह समाज कल्याण विभाग के राज्य नि:शक्तजन स्त्रोत संस्थान में संविदा कर्मचार के रूप् में तैनात था। उसने कहा कि जब वह अपने स्थाई नौकरी के लिए आवेदन किया तो उसे पता लगा कि वह समाज कल्याण विभाग की जगह फिजिकल रिफरल रिहेब्लिटेशन सेंटर का स्थाई कर्मचारी है।
साथ ही उसका वेतन नियमित रूप से हर महीने उसी विभाग से आहरण किया जा रहा है। इसके बाद कुंदन सिंह ने आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी तो अफसरों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कुंदन सिंह के वकील की बहस के बाद डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने फैसला सुनाया है।
इन अधिकारियों पर घोटाला करने का आरोप
पूर्व मुख्य सचिव व वर्तमान में रेरा के चेयरमैन विवेक ढांड, पूर्व मुख्य सचिव सुनील कुजूर, रिटायर आइएएस व वर्तमान सूचना आयुक्त एमके राउत, आलोक शुक्ला, बीएल अग्रवाल, सतीश पांडेय, अशोक अग्रवाल, एमएल पांडेय, हमेरन खलखो व समाज कल्याण विभाग के संचालक पंकज वर्मा, अशोक तिवारी और पीसी सोठी पर घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
केंद्रीय मंत्री रेणुका की बढ़ सकती है मुश्किल
केंद्रीय जनजाति विकास राज्यमंत्री रेणुका सिंह की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। जिस समय यह घोटाला सामने आया है उस दौरान रेणुका राज्य सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं। याचिकाकार्ता ने उन्हें भी पार्टी बनाया है और कोर्ट से मांग की है कि केंद्रीय मंत्री के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की केंद्र सरकार से अनुमति लेने के लिए सीबीआई को कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया जाए।