मुंबई। महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के बाद बगावत थमने का नाम नहीं ले रही है। जहां कैबिनेट विस्तार के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत मौजूद नहीं थे। इससे उनकी नाराजगी समझी जा सकती है। कैबिनेट विस्तार में उनके भाई सुनील राउत को जगह नहीं मिली है। उधर एनसीपी के चार बार के विधायक प्रकाश सोलंके को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी। जिसके बाद सोलंके ने विधायक पद से इस्तीफा देने के साथ-साथ राजनीति से भी संन्यास लेने का एलान कर दिया है। जबिक, सोलंकी का कहना है कि मंत्री पद को लेकर उन्हें कोई नाराजगी नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, विधायक पद से इस्तीफा देने के साथ-साथ प्रकाश सोलंकी राजनीति से भी संन्यास लेंगे। एनसीपी विधायक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अब वो राजनीति के योग्य नहीं है। यही वजह है कि उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। सोलंकी ने कहा कि इधर कुछ दिनों में ऐसी राजनीतिक परिस्थिति बनी है, जिसके बाद अब हम जैसे लोगों को सियासत में रहना संभव नहीं है। सोलंकी ने कहा कि वो तीस साल से राजनीति कर रहे हैं, लेकिन अब इस तरह की राजनीतिक माहौल में उनके लिए कोई जगह नहीं बची है।
इन नेताओं ने ली थी शपथ
बता दें कि सोमवार को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। कुल 36 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। अजित पवार को उद्धव ठाकरे सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाया गया। उनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने भी सोमवार को कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। सरकार में अब मंत्रियों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है।
संजय राउत भी हुए नाराज
सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले शिवसेना सांसद संजय राउत के विधायक भाई सुनील राउत को मंत्री न बनाए जाने से नाराजगी है। हालांकि राउत ने मीडिया से कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। कहा जा रहा है कि इसी कारण संजय राउत शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए।
पृथ्वीराज चव्हाण भी ‘असंतुष्ट’
संजय राउत से जब सुनील को कैबिनेट में जगह नहीं दिए जाने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह तीन दलों की सरकार है और हर दल में योग्य लोग मौजूद हैं। ऐसे में सबको निर्धारित कोटे को स्वीकार करना होता है। उन्होंने कहा कि वह खुश हैं कि उद्धव ठाकरे प्रदेश के सीएम हैं। राउत ने आगे कहा, ‘मैं और मेरा परिवार हमेशा से शिवसेना के साथ है। हम ठाकरे परिवार के प्रति निष्ठा रखते हैं और हमने महाराष्ट्र में सरकार बनाने में अपनी भूमिका निभाई है।’ इतना ही नहीं, मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने से पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के भी नाराज होने की खबर है।