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Recipe: इस नवरात्रि में उपवास के दौरान खाये सिंघाड़े के लड्डू, हेल्दी सेहत के साथ मिलेगी भरपूर एनर्जी

By आराधना शर्मा 
Updated Date

नई दिल्ली: नवरात्रि में व्रत रखने के दौरान कई बार ऐसा होता है कि शरीर में कमजोरी हो जाती है जिसकी वजह से कभी-कभी चक्कर भी आने लगते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि अपने शरीर का भी ध्यान रखा जाए। आज हम आपको व्रत की ऐसी ही हेल्दी रेसिपी बता रहे हैं, जिसे व्रत के दौरान खाने से आपको कमजोरी और ज्यादा भूख भी नहीं लगेगी। रोजाना एक लड्डू के सेवन करने से आपकी इम्युनिटी भी बढ़ेगी।

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सामग्री

सिंघाड़े के लड्डू बनाने की विधि 

सबसे पहले सिंघाड़े के आटे को छान लीजिए। अगर सिंघाड़े का आटा थोड़ा मोटा रहेगा तो लड्डू सोंधे बनेंगे। गुड़ को अच्छी तरह से फोड़ लीजिए। गुड़ में एक भी गांठ नहीं रहनी चाहिए। कटे हुए मेवे को तवे पर हल्का सा भून लीजिए। कड़ाही में करीब 150 ग्राम घी गर्म कर लीजिए। आपका करीब 100 ग्राम घी बचा रहेगा, इसका बाद में इस्तेमाल करेंगे। गैस की आंच मीडियम करके सिंघाड़े के आटे को अच्छी तरह से भून लीजिए। जब आटे से सोंधी खुशबू आने लगे और ये गुलाबी हो जाए तो समझिए की ये भून गया है।अब पिटे हुए गुड़ के ऊपर गरम-गरम सिंघाड़े के आटे को इस तरह से डालिए कि गुड़ पूरी तरह से ढक जाए।

आटे की गर्मी से गुड़ नरम हो जाएगा और सिंघाड़े का लड्डू बनाने में आसानी होगी।आटे के ऊपर अब सोंठ, घी और मेवे डालकर चम्मच की मदद से अच्छी तरह मिला लीजिए। ध्यान रहे कि मिश्रण ठंडा होने से पहले ही आप इसे मिला लें। जब मिश्रण इतना गरम रह जाए कि आप इसे हाथ से छू सकें, तब इसे एक बार हाथ से भी अच्छी तरह मिक्स कर लीजिए। अब आपको फटाफट लड्डू बनाना है क्योंकि अगर मिश्रण ठंडा हो गया तो लड्डू बनाना मुश्किल हो जाएगा। दोनों हाथ से लड्डू बनाने की कोशिश करें इससे ये मिश्रण के गर्म रहते ही बन जाएंगे।

सिंघाड़े के आटे के फायदे

सिंघाड़े में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी व सी, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स, रायबोफ्लेबिन जैसे तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं। आयुर्वेद में कहा गया है कि सिंघाड़े में भैंस के दूध की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक खनिज लवण और क्षार तत्व पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों ने तो अमृत तुल्य बताते हुए इसे ताकतवर और पौष्टिक तत्वों का खजाना बताया है। इस फल में कई औषधीय गुण हैं, जिनसे शुगर, अल्सर, हृदय रोग, गठिया जैसे रोगों से बचाव हो सकता है। बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं के लिए तो यह काफी गुणकारी है।

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