नई दिल्ली। अमेरिकी राजदूत केन जस्टर समेत 17 देशों के राजनयिक गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर जाएंगे। बता दें कि 5 अगस्त को राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद विदेशी राजनयिकों का यह पहला आधिकारिक दौरा होगा। दिल्ली स्थित दूतावासों में तैनात ये राजनयिक श्रीनगर पहुंच गए हैं। यह लोग वहां पर रात्रि प्रवास करेंगे। इसके बाद शुक्रवार को जम्मू जाएंगे।
ये सभी राजनयिक दौरे में उपराज्यपाल जीसी मुर्मू और सिविल सोसायटी के सदस्यों से मुलाकात करेंगे। इस प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका, बांग्लादेश, वियतनाम, नार्वे, मालदीव, दक्षिण कोरिया, मोरक्को, नाइजीरिया और अन्य देशों के राजनयिक भी शामिल होंगे। ब्राजील के राजदूत को भी राज्य के दौरे पर जाना था लेकिन दिल्ली में अपनी व्यस्तता के चलते उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।
इसके साथ ही यूरोपीय संघ के देशों के राजनयिकों ने सरकार को अवगत कराया कि वे बाद में इस केंद्र शासित राज्य का दौरा करेंगे। इन राजनयिकों ने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से भी मुलाकात कराने पर जोर दिया है जिस पर सरकार विचार कर रही है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को राज्य के दौरे पर जाने वाले राजनयिक सिविल सोसायटी के सदस्यों से मुलाकात करेंगे और उन्हें विभिन्न एजेंसियों द्वारा राज्य के सुरक्षा हालात के बारे में भी अवगत कराया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि कई देशों के राजनयिकों ने सरकार से कश्मीर के दौरे का अनुरोध किया था।
यह दौरा कश्मीर पर पाकिस्तान के प्रोपगेंडा की हकीकत से विदेशी राजनयिकों को अवगत कराने की सरकार की कोशिशों के तहत हो रहा है। बता दें इससे पहले यूरोपीय संघ के 23 सांसदों ने राज्य का दौरा कर हालात की जानकारी ली थी। हालांकि इस दौरे की व्यवस्था एक गैर सरकारी एनजीओ की ओर से की गई थी।