सावन को शिव मास भी कहा जाता है। भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना का यह माह शिव भक्तों के विशेष आस्था का है। शिव भक्त इस माह में भगवान महादेव का अभिषेक करते है।
Rudrabhishek : सावन को शिव मास भी कहा जाता है। भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना का यह माह शिव भक्तों के विशेष आस्था का है। शिव भक्त इस माह में भगवान महादेव का अभिषेक करते है। सावन माह में शिवालयों में शिवलिंग पर जलाभिषेक करके शिव भक्त भगवान भोले नाथ की कृपा प्राप्त करते है। माह सावन 14 जुलाई से शुरू होगा। सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है। भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने का बहुत फल है। भगवान शिव का रुद्राभिषेक कई पदार्थों से किया जाता है। अभिषेक करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइये जानते है रुद्राभिषेक करने का विधान क्या है।
दूध
भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने का विशेष महत्व है। दूध से भगवान शिव का अभिषेक करने से व्यक्ति की संतान की इच्छा पूरी होती है।
दही
महादेव का दही से अभिषेक बहुत ही लाभकारी माना जाता है। यदि शिवलिंग का दही से अभिषेक किया जाए तो व्यक्ति के कार्य में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा दूध से
गंगाजल
गंगाजल से शिव का अभिषेक किया जाता है। गंगाजल से अभिषेक करने से व्यक्ति को मोछ मिलता है।
शहद
शहद से अभिषेक करने पर व्यक्ति की वाणी में उत्पन्न दोष समाप्त हो जाते हैं और स्वभाव में विनम्रता आ जाती है।
घी
यदि भगवान शिव को शुद्ध देसी घी से अभिषेक किया जाए तो व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी रोग से पीड़ित है तो सावन के महीने में भगवान शिव का घी से अभिषेक करना चाहिए।
इत्र
भगवान शिव का अभिषेक इत्र से किया जाता है। जो लोग किसी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं, उन्हें भगवान शिव का इत्र से अभिषेक करना चाहिए।
गन्ने का रस
व्यक्ति के जीवन से आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए गन्ने के रस का शिव जी पर अभिषेक करना लाभकारी होता है।