लखनऊ। संकष्ठी चतुर्थी व्रत माघ मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इसे तिल चतुर्थी और माघी चतुर्थी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन महिलाएं अपने बेटे की लंबी आयु की कामना और भगवान गणेश की पूजन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। बता दें कि इस दिन भगवान गणेश और चंद्रमा की उपासना की जाती है। जाने सकट चौथ की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त के मुहूर्त के बारे में…..
ऐसे करें सकट चौथ पर पूजा
- सकट चौथ की पूजा के दौरान इस श्लोक से गणेश जी की वंदना कर गणेश जी को प्रसन्न कर सकते हैं।
- गजाननं भूत गणादि सेवितं,कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्,
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।। - व्रत के दौरान पूरे दिन मन में श्री गणेश जी के नाम का जप करें और सूर्यास्त के बाद स्नान कर के साफ वस्त्र पहन कर विधिपूर्वक गणेश जी का पूजन करें।
- पूजन के वक्त एक कलश में जल भर कर रखें, धूप-दीप अर्पित करें, नैवेद्य के रूप में तिल और गुड़ के बने हुए लड्डू, ईख, शकरकंद, अमरूद, गुड़ और घी अर्पित करें।
- इसके बाद चंद्रमा को कलश से अर्घ्य अर्पित करके, धूप-दीप दिखायें और एकाग्रचित होकर सकट की कथा सुनें और परिवारजनों को भी सुनायें।
सकट चौथ का शुभ मुहूर्त
सकट चौथ को चंद्रमा उदय होने का समय- रात 9 बजे
चतुर्थी तिथि की शुरुआत- 13 जनवरी को शाम 5 बजकर 32 मिनट से
चतुर्थी तिथि का समापन- 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 49 मिनट पर