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सावन 2021: सावन का दूसरा मंगलवार है आज,मंगला गौरी व्रत रखने से दांपत्य जीवन में होगा मंगल

श्रावण मास में जितने भी मंगलवार पड़ते हैं उन सभी को मंगला गौरी व्रत करने का विधान है। यह व्रत मंगलवार को पड़ता है और इस व्रत में माता गौरी अर्थात् पार्वती जी की पूजा की जाती है, जिसके कारण इस व्रत को मंगला गौरी व्रत कहते हैं।

By अनूप कुमार 
Updated Date

सावन 2021:  यह भगवान शिव का सबसे प्रिय माह माना जाता है। भक्त भगवान से विशेष कृपा प्राप्ति के लिए सावन में मंगला गौरी व्रत का व्रत रखते है। सावन हिन्दू पंचाग का पांचवा माह है। आपको बता दे इस बार सावन सोमवार 25 जुलाई से आरंभ हुआ है। जो कि 22 अगस्त 2021 तक रहेगा।श्रावण मास में जितने भी मंगलवार पड़ते हैं उन सभी को मंगला गौरी व्रत करने का विधान है। यह व्रत मंगलवार को पड़ता है और इस व्रत में माता गौरी अर्थात् पार्वती जी की पूजा की जाती है, जिसके कारण इस व्रत को मंगला गौरी व्रत कहते हैं। मंगला गौरी व्रत को मोराकत व्रत के नाम से भी जाना जाता है।

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पुराणों के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती को श्रावण मास अति प्रिय है। इसीलिए श्रावण मास के सोमवार को शिव जी और मंगलवार को माता गौरी अर्थात् पार्वती जी की पूजा को शास्त्रों में बहुत ही शुभ व मंगलकारी बताया गया है।

वैवाहिक जीवन के लिए मंगल को अमंगलकारी माना जाता है क्योंकि कुण्डली में मंगल की विशेष स्थिति के कारण ही मांगलिक योग बनता है जो दांपत्य जीवन में कलह और विभिन्न समस्याओं का कारण बनता है। मंगल की शांति के लिए मंगलवार का व्रत और हनुमान जी की पूजा को उत्तम माना जाता है, लेकिन अन्य दिनों की अपेक्षा सावन मास में सोमवार के अलावा मंगलवार का भी शास्त्रों में स्त्रियों के लिए सौभाग्यदायक बताया गया है।

शास्त्रों के अनुसार जो स्त्रियां सावन मास में इस दिन व्रत रखकर मंगला गौरी की पूजा करती हैं, उनके पति पर आने वाला संकट टल जाता है और वह लंबे समय तक दांपत्य जीवन का आनंद प्राप्त करती हैं।

आज के दिन करें ये काम

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उसके बाद मंगला गौरी की कथा सुनें।
मंगला गौरी की सोलह बत्तियों वाले दीपक से आरती करें।
कथा सुनने के बाद सोलह लड्डू अपनी सास को तथा अन्य सामग्री ब्राह्मण को दान कर दें।
मंगला गौरी व्रत के दिन एक समय ही शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन ग्रहण करना चाहिए।

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