भोपाल। अभी कुछ दिनो पहले ही कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे जिसके बाद वहां कांग्रेस की सरकार गिर गयी और एक बार भी शिवराज के नेत्रत्व वाली बीजेपी सरकार सत्ता में आ गयी। मध्यप्रदेश में अगले कुछ महीने में होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में जहां सियासी घमासान जोरों पर है, वहीं प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ‘ट्विटर’ अकाउंट से BJP शब्द को हटा लिया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ‘ट्विटर’ अकाउंट से BJP शब्द हटाकर इसकी जगह पब्लिक सर्वेंट लिखा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने ट्वीटर अकाउंट से BJP शब्द हटाकर पब्लिक सर्वेंट लिखने के बाद चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस को छोड़ा था तो उस समय भी उन्होंने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस शब्द को हटा दिया था और अब उन्होंने बीजेपी शब्द हटा लिया है। फिलहाल बीजेपी की तरफ से इसको लेकर अभी किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आपको बता दें कि बीजेपी ने उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक सभी 22 विधायकों को टिकट देने का वादा किया है लेकिन इसमें परेशानी आ रही है। कई सीटों पर पार्टी को अपने पुराने नेताओं की बगावत देखने को मिल रही है। हाटपिपल्या में दीपक जोशी हों या ग्वालियर पूर्व में कांग्रेस में शामिल हो चुके बालेंदु शुक्ला, पार्टी के लिए अपने नेताओं को मनाना मुश्किल हो रहा है। कुछ सीटों पर सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों की जीत को लेकर संशय की बातें भी सामने आ रही हैं।
वहीं सिंधिया या उनके समर्थकों की तरफ से अभी तक किसी तरह के असंतोष की खबरें सामने नहीं आई हैं लेकिन दबी जुबान में लोग सिंधिया को कमतर आंकने की बात कर रहे हैं। यदि ट्विटर प्रोफाइल से भाजपा हटाने के दावे सच हैं तो इसे सिंधिया का राजनीतिक दबाव माना जा सकता है। खासतौर से इसलिए क्योंकि कांग्रेस छोड़ने से पहले उन्होंने अपनी प्रोफाइल से पार्टी का नाम हटा लिया था। वहीं दबी जुबाने ये भी बातें सामने आ रही हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री बनना चाहते थे लेकिन बीजेपी ने एकबार भी उनके नाम की चर्चा तक नही की।