भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के उच्च सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में शामिल हुए। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में बैठक के दौरान अजीत डोभाल आतंकवाद को लेकर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को साफ कर दिया है। डोभाल ने स्पष्ट किया कि एससीओ को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों पर एक्शन लेना ही होगा।
नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के उच्च सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में शामिल हुए। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में बैठक के दौरान अजीत डोभाल आतंकवाद को लेकर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को साफ कर दिया है। डोभाल ने स्पष्ट किया कि एससीओ को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों पर एक्शन लेना ही होगा।
डोभाल ने पाक समर्थित आतंकी संगठन लश्कर और जैश के खिलाफ एक्शन लेने की कार्य योजना बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई करनी ही होगी। आतंकी वित्तपोषण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। इतना ही नहीं उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उस पर हमला बोला है। कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने पर जोर दिया।
भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को साफ कर दिया
एससीओ की बैठक के दौरान अजीत डोभाल ने शंघाई सहयोग संगठन के ढांचे के हिस्से के रूप में आतंकी संगठन लश्कर और जैश के खिलाफ कार्य योजना का प्रस्ताव रखा। अजीत डोभाल ने एससीओ और एफएटीएफ के बीच एक समझौता ज्ञापन समेत आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने पर जोर दिया।
डोभाल ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों की कड़ी निंदा की। अजीत डोभाल ने कहा कि सीमा पार आतंकवादी हमलों समेत आतंकवाद के हमलों को अंजाम देने वाले अपराधियों को शीघ्रता से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ लक्षित प्रतिबंधों के पूर्ण कार्यान्वयन की आवश्यकता है।