1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. SCO Summit : पीएम मोदी बोले-मध्‍य एशिया में बढ़ते कट्टरपंथ के खिलाफ साझा रणनीति बनाए जाने की जरूरत

SCO Summit : पीएम मोदी बोले-मध्‍य एशिया में बढ़ते कट्टरपंथ के खिलाफ साझा रणनीति बनाए जाने की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि मध्‍य एशिया (Central Asia) के क्षेत्र मे सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्‍वास की कमी है। इन समस्‍याओं का मूल कारण बढ़ती हुई कट्टरपंथ (Radicalization)  है। इसके खिलाफ साझा रणनीति (Common Strategy) बनाए जाने की जरूरत है। उन्‍होंने यह विचार शुक्रवार को SCO शिखर सम्‍मेलन (SCO Summit) में व्‍यक्‍त किए।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि मध्‍य एशिया (Central Asia) के क्षेत्र मे सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्‍वास की कमी है। इन समस्‍याओं का मूल कारण बढ़ती हुई कट्टरपंथ (Radicalization)  है। इसके खिलाफ साझा रणनीति (Common Strategy) बनाए जाने की जरूरत है। उन्‍होंने यह विचार शुक्रवार को SCO शिखर सम्‍मेलन (SCO Summit) में व्‍यक्‍त किए।

पढ़ें :- Breking News : माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

बता दें कि SCO शिखर सम्‍मेलन ताजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित हो रहा है। इस सम्मेलन में चीन और रूस के राष्ट्रपति भी शामिल हैं। इस सम्मेलन में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान भी मौजूद हैं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस साल हम SCO की भी 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह ख़ुशी की बात है कि इस शुभ अवसर पर हमारे साथ नए मित्र जुड़ रहे है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं ईरान का SCO के नए सदस्य देश के रूप में स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं तीनों नए डायलॉग पार्टनर्स-सऊदी अरब, इजिप्‍ट और कतर का भी स्वागत करता हूं।

पढ़ें :- Lok Sabha Elections 2024: एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने जारी की 8 उम्मीदवारों की लिस्ट, देखिए

पीएम मोदी ने कहा कि SCO की 20वीं वर्षगांठ इस संस्था के भविष्य के बारे में सोचने के लिए भी उपयुक्त अवसर है। मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्‍वास की कमी से संबंधित है। इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ती हुई कट्टरता है। अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इस चुनौती को और स्पष्ट कर दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि यदि हम इतिहास पर नज़र डालें, तो पाएंगे कि मध्य एशिया क्षेत्र उदारवादी और प्रगतिशील कल्‍चर और मूल्‍यों का गढ़ रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि सूफ़ीवाद जैसी परम्पराएं यहां सदियों से पनपी और पूरे क्षेत्र और विश्व में फैलीं। इनकी छवि हम आज भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत में और SCO के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी उदारवादी, सहिष्‍णु और समावेशी संस्थाएं और परम्पराएं हैं। SCO को इनके बीच एक मजबूत नेटवर्क विकसित करने के लिए काम करना चाहिए। चाहे Financial inclusion बढ़ाने के लिए UPI और Rupay Card जैसी टेक्‍नोलॉजी हो या COVID-19 से लड़ाई में हमारे आरोग्य-सेतु और COWIN जैसे डिजिटल प्‍लेटफॉर्म, इन सभी को हमने स्वेच्छा से अन्य देशों के साथ भी साझा किया है।

पीएम ने कहा कि भारत मध्‍य एशिया के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि मध्‍य एशियाई देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़ कर अपार लाभ हो सकता है। कनेक्टिविटी की कोई भी पहल एकतरफा नहीं हो सकती। आपसी विश्‍वास सुनिश्चित करने के लिएकनेक्टिवटी प्रोजेक्‍ट्स को रचनात्‍मक, पारदर्शी और भागीदारीपूर्ण होना चाहिए।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...