लखनऊ: किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के होडिंर्ग एरिया में आने वाले गंभीर मरीजों को समय पर सही इलाज मिलना टेढ़ी खीर है। गंभीर महिला मरीज को इमरजेंसी में वेंटीलेटर सपोर्ट की आवश्यकता थी। पहले तो डॉक्टरों ने वेंटीलेटर यूनिट फुल होने की बात बता भर्ती करने से मना कर दिया। फरियाद के बाद मरीज को एंबुबैग सपोर्ट पर किया गया। करीब छह घंटे तक मरीज एंबुबैग के सहारे पड़ी रही। आरोप है कि ड़ाक्टर देखने तक नहीं आये। इलाज न मिलने से महिला मरीज की मौत हो गयी।
कानपुर निवासी महिला मरीज रेखा शुक्ला 60 की आंतें फटने की दिक्कत हो गयी थी। तीमारदार पहले तो कानपुर हैलेट अस्पताल ले गये। वहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद वेंटीलेटर यूनिट सहित इमरजेंसी सर्जरी कराने का परामर्श दिया और केजीएमयू रेफर कर दिया। बुधवार सुबह करीब छह बजे मरीज को लेकर परिजन केजीएमयू होडिंर्ग एरिया में आए। वहां पर जूनियर डॉक्टरों ने वेंटीलेटर खाली न होने का हवाला देते हुए कहकर दूसरे संस्थान ले जाने को कहा।
तीमारदारों की फरियाद के बाद मरीज को एंबुबैग लगा दिया। आरोप है कि मरीज की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने बाद भी इमरजेंसी सर्जरी के लिए कोई तैयारी नहीं की गयी। इस दौरान कई बार ड़ाक्टरों से इलाज शुरू करने के लिए कहा गया। करीब छह घंटे इलाज के इंतजार बाद महिला मरीज की सांस टूट गयी। नाराज तीमारदारों का कहना है कि समय रहते ही मरीज की सर्जरी करने के अलावा वेंटीलेटर स्पोर्ट पर भर्ती किया गया होता शायद उनकी जान बच सकती थी।
बेटे ने मामले की शिकायत आला अफसरों से लिखित में करने की बात कहकर कार्रवाई की मांग किया है। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह का कहना है कि वेंटीलेटर खाली होने पर सभी मरीजों को प्राथमिकता से मुहैया कराया जाता है।