1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Shakun Shastra: देव स्नान ठीक सूर्योदय के बाद किया जाता है , स्नान में विभिन्न मंत्रों का किया जाता है जाप

Shakun Shastra: देव स्नान ठीक सूर्योदय के बाद किया जाता है , स्नान में विभिन्न मंत्रों का किया जाता है जाप

आज पूरा देश मकर संक्रांति का त्योहार आस्था के साथ मना रहा है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपनी राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Shakun Shastra : आज पूरा देश मकर संक्रांति का त्योहार आस्था के साथ मना रहा है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपनी राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते है। संक्रांति   के अवसर पर स्नान की परंपरा का महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्नान और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में व्यक्ति के नहाने के बारे नियम निर्धारित किया गया है। आइये जानते हैं जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू स्नान के बारे में शकुन शास्त्र से हमें क्या मार्गदर्शन मिलता है।

पढ़ें :- Good Friday 2024 : इस दिन मनाया जाएगा गुड फ्राइडे , जानें इतिहास और महत्व

1.ब्रह्म मुहूर्त में किये जाने वाले स्नान को ब्रह्म स्नान कहते हैं।
2.धूल में स्नान करता हुआ कौआ यदि बोले तो भी अच्छी वर्षा होती है।
3.देव स्नान ठीक सूर्योदय के बाद किया जाता है साथ में स्नान में विभिन्न मंत्रों का भी जाप किया जाता है।
4. खाना खाने के बाद किये जाने वाले स्नान को दानव स्नान कहा जाता है।
5.सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दिन ही रात के समय स्नान करना चाहिए।
6.नहाते समय सबसे पहले सिर पर पानी डालना चाहिए, उसके बाद शरीर पर।
7.स्नान करते समय किसी मंत्र का जाप करना चाहिए। आप चाहे तो कीर्तन या भजन या भगवान का नाम भी ले सकते हैं।
8.नग्न या निर्वस्त्र होकर स्नान करना अशुभ माना जाता है।
9.सभी तरह के धार्मिक कार्य नहाने के बाद ही करना चाहिए।
10.शास्त्रों में बिना नहाए पूजा-पाठ करना वर्जित किया गया है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...