नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को लेकर बुधवार को राजधानी लौट आई। शरजील की गिरफ्तारी में उसकी प्रेमिका ने बड़ी भूमिका निभाई है। दो दिन से बिहार में छापेमारी करने पहुंची पांच सदस्यों की पुलिस टीम को जांच के दौरान शरजील और उसकी प्रेमिका के संपर्क में होने की बात पता चली थी। जिसके बाद पुलिस ने उससे संपर्क किया और उसकी मदद ने शरजील को गिरफ्तार किया।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने सोमवार रात को शरजील के दोस्त और भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पूछताछ में पता चला कि शरजील लगातार अपनी प्रेमिका के संपर्क में था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए उसकी प्रेमिका से संपर्क किया। शरजील की प्रेमिका ने उसे फोन कर मलिक टोला गांव के पास इमामबाड़ा में मिलने के लिए बुलाया। जहां पुलिस ने उसे जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। शरजील की प्रेमिका ने उसकी गिरफ्तारी में बड़ी भूमिका निभाई थी।
शरजील की गिरफ्तारी के लिए बिहार पहुंची दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम के सदस्यों की बिहार पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। सोमवार रात को जब दिल्ली पुलिस शरजील के घर छापेमारी के लिए पहुंची थी तो स्थानीय पुलिस उसके साथ नहीं थी। गांव के लोगों से सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस वहां पहुंची और दिल्ली पुलिस से उलझ गई। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों के दखल के बाद दोनों टीमों ने शरजील को गिरफ्तार कर लिया।
शुरुआती जांच के बाद पुलिस को शरजील की कॉल डिटेल से 450 संदिग्ध नंबर मिले हैं। पुलिस को आशंका है कि इन नंबरों में जामिया, अलीगढ़ हिंसा से जुड़े लोग शामिल हो सकते हैं। जेएनयू में शरजील के दोस्तों से पूछताछ में सामने आया है कि वह कन्हैया के गुट का विरोधी था और अक्सर कैन्हया के गुट द्वारा जेएनयू में होने वाले प्रदर्शनों का विरोध किया करता था।
गिरफ्तारी के बाद शरजील ने पुलिस को बताया कि उसका मोबाइल खो गया है। ऐसे में उसने पुलिस को अपना मोबाइल फोन नहीं दिया है। पुलिस टीम ने नया मोबाइल लेकर शरजील के नंबर का व्हाट्सएप शुरू किया, जिसके डाटा की जांच में पुलिस को पता चला कि शरजील से पीएफआई से जुडे़ कुछ लोग भी संपर्क में थे।