मुम्बई। महाराष्ट्र में जबसे विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया है तभी से शिवसेना और बीजेपी के बीच घमासान जारी है। शिवसेना अपने 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ी हुई है जबकि भाजपा सीएम पद से किसी तरह का समझौता नही करना चाहती है। दोनो पार्टियों की जिद की वजह से स्थिति वैसी ही बनी हुई है यही नही दोनो पार्टियों के नेता एक दूसरे पर तीखी प्रतिक्रियाएं भी देते नजर आ रहे हैं। इसी बीच एक भाजपा नेता ने राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की बात कही तो शिवसेना ने इसे धमकी बता दिया और कहा कि ऐसी धमकी देनेा लोकतंत्र व जनादेश का अपमान है।
शिवसेना ने अपने अखबार सामना में लिखा है कि राष्ट्रपति शासन की धमकी जनादेश का अपमान है, यह भी लिखा गया कि कानून और संविधान किसी के गुलाम नहीं हैं। इन बयानो से ये साफ जाहिर होता है कि शिवसेनो किसी भी बात पर झुकने को तैयार नही है, उसने भी अपने कड़े तेवर दिखा दिये हैं। आपको बता दें कि बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने हाल ही मे महाराष्ट्र के हालातों को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही थी जिसके बाद शिवसेना की तरफ से उनके इस बयान का तेजी से विरोध किया जा रहा है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि एक भाजपा नेता कह रहे हैं कि यदि सरकार गठन में देरी होती है तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। क्या यह चुने हुए विधायकों के लिए एक धमकी है..? वहीं संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार से मुलाकात भी की है। इसके बाद अटकले लगाई जा रही हैं कि शिवसेना ने पर्दे के पीछे से भी सरकार बनाने की केशिशें शुरू कर दी हैं।
सामना में यह भी लिखा गया है कि ‘महाराष्ट्र की राजनीति फिलहाल एक मजेदार शोभायात्रा बन गई है, ‘श्री मुनगंटीवार और उनकी पार्टी के मन में कौन-सा जहर उबाल मार रहा है, ये इस वक्तव्य से समझा जा सकता है। राज्य की सरकार तो नहीं लेकिन विदा होती सरकार के बुझे हुए जुगनू रोज नए मजाक करके महाराष्ट्र को कठिनाई में डाल रहे हैं। यह भी लिखा गया ’सुधीर मुनगंटीवार द्वारा दी गई राष्ट्रपति शासन की धमकी लोकतंत्र विरोधी और असंवैधानिक है। ये महाराष्ट्र और विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश का अपमान है। ‘कानून, संविधान और संसदीय लोकतंत्र की प्रथा और परंपरा हमें पता है. कानून और संविधान किसी के गुलाम नहीं।