नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच चल रही जंग अब और तल्ख हो गयी है। इसका असर अब दिल्ली में भी दिखने लगा है। जो शिवसेना पहले एनडीए का हिस्सा होकर मोदी सरकार का विरोध करती थी, अब वह औपचारिक रूप से विपक्ष का हिस्सा बन गई है। सोमवार को इसका असर भी साफ देखने को मिला। किसानों के मुद्दे पर शिवसेना ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया और संसद भवन के बाहर प्रदशर्न किया।
स्थगन प्रस्ताव से पहले सोमवार को ही शिवसेना ने सामना के जरिए किसानों का मुद्दा उठाया। शिवसेना की मांग है कि जिन किसानों का नुकसान हुआ है, उन्हें 25 हजार प्रति हेक्टेयर रुपये का मुआवजा दिया जाए, जबकि अभी ये राशि मात्र 8 हजार रुपये तक है। बता दें कि, महाराष्ट्र में 24 अक्टूबी को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भी अभी तक वहां पर सरकार नहीं बन पाई है।
हालांकि, सरकार बनाने के लिए कांग्रेस—एनसीपी और शिवसेना ने गठबंधन कर लिया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही वहां पर सरकार गठन हो जायेगा। वहीं, संसद सत्र से पहले एनडीए की जो बैठक हुई, उसमें पार्टी ने जाने से मना कर दिया। जिसके बाद केंद्र सरकार ने संसद में भी शिवसेना के सांसदों के बैठने की सीट में बदलाव कर दिया। शिवसेना शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष नहीं बल्कि विपक्ष वाली सीटों में नज़र आएगी। लोकसभा में शिवसेना के 18 और राज्यसभा में कुल 3 सांसद हैं।