रामपुर। यूपी के रामपुर सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 2007 में हुए आतंकी हमले के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस मामले में छह आरोपियों को दोषी करार दिया है। वहीं मोहम्मद कैसर और गुलाब खान को दोष मुक्त किया गया है। कोर्ट दोषियों को शनिवार को सजा सुनाएगी। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमले के मामले में कोर्ट का फैसला आने के मद्देनजर जिले में सुरक्षा के इंतजाम किए गए है।
बता दें कि 31 दिसंबर 2007 की रात ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे और एक रिक्शा चालक की मौत हो गई थी। इस मामले की रिपोर्ट सिविल लाइंस कोतवाली में एक जनवरी 2008 को दर्ज हुई थी। एसटीएफ और पुलिस ने इस मामले में दो पाकिस्तानी नागरिकों सहित आठ आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी। मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में 54 गवाह बनाए गए थे, जिसमें से 38 की गवाही हुई है।
आज मुकदमे के फैसले के लिए सभी को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया है। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला सत्र संजय कुमार के न्यायालय में है। मुकदमे में बचाव पक्ष की ओर से दिल्ली के अधिवक्ता एमएस खान के अलावा स्थानीय अधिवक्ता मोहम्मद जमीर रिजवी और नावेद खां ने बहस की है। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने आरोपितों को झूठा फंसाए जाने की बात कही। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दलङ्क्षवदर ङ्क्षसह डंपी और एटीएस लखनऊ की ओर से आए अधिवक्ता अतुल ओझा ने बहस की।
अभियोजन पक्ष ने आरोपितों के घटना में शामिल होने का तर्क देते हुए कड़ी सजा की मांग की थी। अदालत ने फैसला सुनाते हुए प्रतापगढ़ जिले के कुंडा निवासी कौसर फारूकी और खजुरिया निवासी गुलाब खां को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया जबकि पाक अधिकृत कश्मीर के इमरान, मोहम्मद फारूख, मुंबई गोरे गांव का फहीम अंसारी, बिहार के मधुबनी का सबाउद्दीन सबा, मुरादाबाद के मूंढापांडे का जंग बहादुर बाबा खान और रामपुर के खजुरिया गांव का मोहम्मद शरीफ को दोषी करार दिया। अदालत इन सभी को शनिवार को सजा सुनाएगी। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर हमला मामले में फैसला आने की संभावना के मद्देनजर पुलिस को अलर्ट कर दिया गया था। अलर्ट इस वजह से है कि इस मामले के आरोपियों में पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल हैं।