नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमितो की संख्या एक लाख 60 हजार के लगभग पहुंच गयी है वहीं मरने वालों की तादात भी रोजाना डेढ़ सौ के पार होती जा रही है। कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार को घेरने लिए कांग्रेस ने आज देशभर में ऑनलाइन अभियान का आयोजन किया। कांग्रेस ने इस ऑनलाइन कैंपेन को ‘स्पीक अप इंडिया’ का नाम दिया। कांग्रेस ने देशभर में इस ऑनलाइन कैंपेन का आयोजन 11 बजे से 2 बजे तक आयोजित किया गया। तीन घंटे के इस अभियान के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका गांधी समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं ने देशभर के लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
LIVE: Congress President Smt. Sonia Gandhi’s message to the people & the BJP govt. #SpeakUpIndia https://t.co/OqpYFaU6AD
— Congress (@INCIndia) May 28, 2020
स्पीक अप इंडिया की शुरुआत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने केंद्र सरकार के संवेदनहीन बताते हुए कहा कि देश भर में मजदूरों और गरीबों की सिसकियां सबने सुनी, लेकिन केंद्र सरकार नहीं सुन पाई। सोनिया ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार सभी के लिए आर्थिक राहत के लिए खजाने का ताला खोलें। सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन से प्रभावित लोगों को सरकार चार स्तर पर आर्थिक राहत दे। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि देश कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से रोजी-रोटी और रोजगार के गंभीर संकट से गुजर रहा है। लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे सैकड़ों किलोमीटर दूर जाने को मजबूर हैं। सोनिया गांधी ने गुहार लगाई है कि मोदी सरकार मजदूरों के लिए खजाना खोले।
इसके साथ ही सोनिया गांधी ने हर परिवार को 6 महीने तक 7500 रुपये प्रति माह देने की भी मांग की। साथ ही सोनिया गांधी ने कहा कि ‘पिछले दो महीने कोरोना वायरस के कारण पूरा देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। आजादी के बाद पहली बार दर्द का मंजर सबने देखा कि लाखों मजदूर नंगे पांव भूखे-प्यासे हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर जाने के लिए मजबूर हुए। उनकी पीड़ा-सिसकी को देश के हर दिल ने सुना, लेकिन शायद सरकार ने नहीं।’ केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा कि ‘किसानों, मजदूरों समेत हर तबके की मदद से न जाने क्यों सरकार इनकार कर रही है, इसलिए कांग्रेस के साथियों ने फैसला लिया है कि भारत की आवाज को बुलंद करने का सामाजिक अभियान चलाना है। हमारी केंद्र से अपील है कि वह खजाने का ताला खोलिए और जरूरतमंदों को राहत दीजिए।’