श्रीनगर। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से कश्मीर के हालात को तरह तरह खबरें आ रही हैं। सरकार का कहना है कि 5 अगस्त से आर्टकिल 370 खत्म को किए जाने के बाद से घाटी में एक भी आम नागरिक की मौत नहीं हुई है। लेकिन सरकार के इस दावे पर श्रीनगर के मेयर ने सरकार पर निशाना साधा है। श्रीनगर के मेयर जुनैद आजिम मट्टू ने कहा कि मुमकिन है कि कश्मीर की सड़कों पर किसी का शव नहीं मिला, लेकिन इससे इस बात का निष्कर्ष निकालना कि घाटी में हालात सामान्य हैं, यह बिल्कुल भी सही नहीं है।
जुनैद आजिम मट्टू ने कहा, “अभी भी बहुत से ऐसे परिवार हैं जो अपने सदस्यों से बात नहीं कर पा रहे हैं। केंद्र सरकार के फैसले से अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है। हम हमेशा हिंसा के खतरे के साथ रहते हैं, यह कोई नया परिदृश्य नहीं है। लेकिन मौलिक अधिकारों को वापस लेने को सही ठहराना कश्मीर में अलगाव का मूल आधार है।”
मेयर जुनैद आजिम मट्टू सज्जाद लोन की पार्टी जेकेपीसी के प्रवक्ता भी हैं। जम्मू कश्मीर पर फैसले के बाद हिरासत में लिए गए नेताओं में सज्जाद लोन भी शामिल हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद श्रीनगर और जम्मू के मेयरों को पिछले महीने एक केंद्रीय आदेश के अनुसार “राज्य मंत्री” के बराबर का दर्जा दिया था और इसे दो अलग केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया था।
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक साक्षात्कार में कहा था कि इस तरह का कदम उठाना जरूरी था, जिससे कि घाटी में आतंकियों को प्रशासन के खिलाफ खड़ा होने से रोका जा सके। आखिर हम कैसे आतंकी और उनके आकाओं के लिए इंटरनेट बंद कर सकते थे और आम लोगों के लिए इंटरनेट की सेवा को बहाल रख सकते थे। बता दें कि घाटी के हालात पर कई देशों ने चिंता जाहिर की है। अमेरिका, ने भी पिछले कई दिनों से घाटी में पाबंदियों को लेकर चिंता जाहिर की थी।