नई दिल्ली। ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद का 79 साल की उम्र में इंतकाल हो गया है। काबूस अरब जगत में सबसे लंबे समय तक सुल्तान रहे। उनका निधन शुक्रवार की शाम को हुआ। बताया जा रहा है कि उन्हें कैंसर था, जिसका बेल्जियम से इलाज कराकर वह पिछले महीने ही वापस लौटे थे। 1970 में ब्रिटेन के समर्थन से सुल्तान काबूस ने अपने पिता को गद्दी से हटाया और खुद ओमान के सुल्तान बने। उन्होंने ओमान की तरक्की के लिए तेल से होने वाली कमाई का प्रयोग किया। सुल्तान काबूस शादीशुदा नहीं थे, इसलिए उनके उत्तराधिकारी के तौर पर अब कोई नहीं है।
ओमान की सल्तनत के नियमों के मुताबिक तख्त के खाली रहने के तीन दिनों के अंदर शाही परिवार परिषद नया सुल्तान चुनेगी। इस समय शाही परिवार परिषद में करीब 50 पुरुष सदस्य हैं। मरने से पहले सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद एक बंद लिफाफा छोड़कर गए हैं। जिसमें उन्होंने ओमान के सुल्तान की गद्दी के लिए अपनी पसंद बताई है।
अगर परिवार परिषद में तीन दिन में नए सुल्तान को लेकर सहमति नहीं बना पाता है तो रक्षा परिषद के सदस्य, सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष, सलाहकार परिषद और राज्य परिषद उस बंद लिफाफे को खोलेंगे, जिसमें सुल्तान काबूस ने नए सुल्तान को लेकर अपनी पसंद बताई है। फिर उस व्यक्ति को ही ओमान का नया सुल्तान बनाया जाएगा।
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें क्षेत्रीय शांति का प्रतीक बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया कि महामहिम सुल्तान काबूस बिन सैद अल सैद के निधन के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है। वह एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने ओमान को एक आधुनिक और समृद्ध राष्ट्र में बदल दिया। पीएम मोदी ने कहा कि सुल्तान काबूस भारत के सच्चे दोस्त थे और उन्होंने भारत तथा ओमान के बीच साझेदारी को मजबूत बनाने में सशक्त भूमिका निभाई।