मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर एम्स की एक रिपोर्ट सामने आयी है। जिसमें मर्डर की थ्योरी को नकार दिया गया है। इस मामले को लेकर सुशांत के फैंस सोशल मीडिया पर फिर से एक बार एक्टर के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। फैंस अभी भी इस पूरे केस को हत्या से जोड़ रहे है।
इस बीच अमेरिकन स्टडी की एक रिपोर्ट सामने आयी है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि मर्डर थ्योरी का इस्तेमाल कुछ नेताओं, पत्रकारों और मीडिया हाउसेस ने अपने फायदे के इस्तेमाल के लिए किया है।
मिशिगन यूनिवर्सिटी में एक असोसिएट प्रोफेसर के नेतृत्व में रिसर्चर्स की एक टीम ने यह स्टडी की है। इस स्टडी के अनुसार जो कॅान्टेंट बिल्कुल निराधार मर्डर थ्योरीज को प्रमोट कर रहा था।
इस प्री-प्रिंट स्टडी बताती है कि राजनेताओं के अकाउंट्स सुशांत सिंह राजपूत केस में नरेटिव को सुसाइड से हत्या में बदलने में अहम रहे हैं। रिसर्च टीम के करीब 7 हजार यूट्यूब वीडियोज और 10 हजार ट्वीट्स का विश्लेषण किया है। साथ ही 2 हजार पत्रकारों और मीडिया हाउसेस और 1200 नेताओं से जुड़े थे।