प्रयागराज। उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज (Swami Avimukeshwarananda Maharaj, Shankaracharya of Jyotirmath at Joshimath, Uttarakhand) ने कहा कि प्रयागराज में स्नान और दान का महत्व है। दान का मतलब क्या है? अपना मालिकाना दी जानी वाली वस्तु का मालिकाना परिवर्तन, अर्थात स्वामित्व का हस्तांरण दान