Venus In Astrology : ग्रह मंडल में सुख के कारक देवता शुक्र ग्रह जीवन के सभी भैतिक सुख सुविधा के कारक ग्रह माने गए है। जातक की कुडली में शुक्र देव का स्थान शुभ माना गया है। यदि जातक की कुंड़ली में शुक्र देव सही स्थान पर विराजमान है तो
Venus In Astrology : ग्रह मंडल में सुख के कारक देवता शुक्र ग्रह जीवन के सभी भैतिक सुख सुविधा के कारक ग्रह माने गए है। जातक की कुडली में शुक्र देव का स्थान शुभ माना गया है। यदि जातक की कुंड़ली में शुक्र देव सही स्थान पर विराजमान है तो
shukra grah rashi parivartan : जीवन में सुख की कल्पना सभी करते है। सुखी जीवन की चाह सभी में होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,शुक्र देव जीवन में सुख के प्रदाता है। सभी ऐशो-आराम और सुख-सुविधाएं इसी ग्रह से मिलती हैं। ग्रह मंडल में शुक्र देव को विलासिता का देवता
Brihaspati Grah Uday : ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को ‘गुरु’ कहा जाता है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और कर्क इनकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है। जब गुरु अस्त हो जाए तो मांगलिक कार्य भी नहीं किए जाते हैं। कुंडली
Mangal Rashi Parivartan: ग्रहों के राशि परिवर्तन का प्रभाव जातकों पर पड़ता है। ग्रहों के गोचर से जो योग बनता है उससे जातकों के जीवन बदलाव आता है। फरवरी माह के अंत में दो बलशाली ग्रहों की चाल में परिवर्तन हो रहा है।ज्योतिषियों के अनुसार, मंगल 26 फरवरी को दोपहर
Shankha: सनातन धर्म में शंख को बहुत ही पवित्र माना जाता है। देवी देवताओं को प्रसन्न करने से लेकर युद्ध तक में प्रभावशाली भूमिका निभाने वाला शंख जीवन की खुशहाली के लिये भी प्रयोग किया जाता है। प्राचीन काल से ही शंख को लोग घर के पूजा स्थल पर रखते
शोधकर्ताओं ने WASP-103b नामक एक ग्रह की खोज की है, जो पृथ्वी से लगभग 1,500 प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह आलू या रग्बी बॉल जैसा दिखता है। लेकिन यह ग्रह इतना अजीब क्यों है? खगोलविदों का कहना है कि WASP-103b एक F-प्रकार के तारे के
Astrology : जीवन में बदलाव के लिए लोग तरह, तरह के उपाय करते है। कभी सफलता मिलती है और कभी निराश होना पड़ता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में किस्मत को चमकदार बनाने के लिए बहुत ही सरल उपाय बताये गए है। इन्हीं उपायों में से एक सरल उपाय खानपान की
23 जुलाई को नासा ने इंस्टाग्राम पर “लिटिल (मंगल) हेलीकॉप्टर” की एक तस्वीर भी पोस्ट की। एजेंसी ने नौवीं उड़ान को “नाखून काटने वाला” बताया। इसने कहा कि उड़ान को स्पष्ट रूप से विज्ञान मूल्य के लिए डिज़ाइन किया गया था, जो प्रमुख विज्ञान लक्ष्यों के बारे में पहला नज़दीकी