लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पांच जुलाई 2005 को हुए आतंकी हमले मामले में मंगलवार को अदालत फैसला सुनाने जा रही है। प्रयागराज में एक विशेष अदालत मंगलवार को फैसला सुनाएगी। विशेष न्यायाधीश दिनेश चंद्र मामले की सुनवाई कर रहे हैं। आतंकी संगठन लश्कर-ए- तैयबा द्वारा कराए गए इस हमले में पांच आतंकवादी और एक टूरिस्ट गाइड समेत सात लोग मारे गए थे। वहीं आतंकी हमले मे सीआरपीएफ व पीएसी के सात जवान गंभीर रूप से ज़ख़्मी हुए थे।
हमले की जांच कर रही टीम ने इस मामले में पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इन आतंकियों में दिल्ली के साकेत नगर में क्लीनिक चलाने वाला सहारनपुर का डॉ इरफ़ान मास्टर माइंड है, जबकि बाकी चार लोग जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के मेंडर इलाके के रहने वाले हैं। यह हमला विवादित ढांचे को गिराकर देश का माहौल खराब करने और बाबरी मस्जिद की घटना का बदला लेने की नीयत से कराया था।
5 जुलाई 2005 की सुबह तक़रीबन 9 बजे के आसपास आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों ने राम जन्मभूमि परिसर में ब्लास्ट के साथ ही गोलीबारी को अंजाम दिया था। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस मुठभेड़ में 5 आतंकी मारे गए थे। इसके साथ ही 2 आम नागरिकों की भी गोली लगने से मौत हो गई थी। जबकि 7 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
पुलिस की तफ्तीश में असलहों की सप्लाई करने और आतंकियों के मददगार के रूप में आसिफ इकबाल, मो. नसीम, मो. अजीज, शकील अहमद और डॉ. इरफान का नाम सामने आया। इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।साल 2006 में प्रयागराज की विशेष कोर्ट के आदेश पर उन्हें फैजाबाद से नैनी जेल भेज दिया गया था।