गोरखपुर। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस ने पूरे देश की आर्थिक स्थिति को चौपट कर दिया है। दिल्ली, मुंबई, पंजाब व अन्य प्रदेशों के बड़े-बड़े शहरों में उत्तर प्रदेश और बिहार के ज्यादातर लोग बड़ी-बड़ी कंपनियों और फैक्ट्रियों में काम करते हैं। यह माना जाए की उत्तर प्रदेश और बिहार का मजदूर वर्ग ही इन बड़े बड़े शहरों की फैक्ट्रियों और कंपनियों को संभाले हुए था। आज वही मजदूर वर्ग वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के संक्रमण से भयभीत होकर अपने घरों को पलायन को मजबूर है। दो रोटी की जुगाड़ के लिए दूसरी प्रदेश में जाकर दिन रात मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले मजदूरों को आखिर क्यों पलायन करना पड़ रहा है यह सरकार के लिए बहुत बड़ा सवाल है। जाहिर सी बात है कि यह मजदूर जहां काम कर रहे थे जिसे वह अपना सब कुछ मान रहे थे वहां पर उनकी उपेक्षा की गई, जब इन श्रमिकों को मदद की उम्मीद थी तब इनका उपहास किया गया, जिन मालिकों को ये मजदूर लाखों करोड़ों का इनकम देते थे, वही मालिक इन मजदूरों को दो वक्त की रोटी तक ना दे सके, जो आज इन मजदूरों के पलायन का कारण बन रहा है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर बड़ोदरा से आये मजदूर अमरजीत विकास व अन्य लोगों से जब बात हुई तो उन्होंने कहा कि हम दोबारा नहीं जाएंगे, अपने गांव में ही रोजी रोटी का तलास करेंगे।