लखनऊ। सीएए के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा और उससे हुए नुकसान के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के उस बयान को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आंड़े हाथों लिया है, जिसमें उन्होने कहा था कि इन दंगों में जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई दंगाईयों की संपत्ति को कुर्क करके की जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ऐसा है तो सबसे पहले वर्ष 2007 में हुए दंगों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सम्पत्ति जब्त होनी चाहिए, क्योंकि उस हिंसा में वो भी आरोपी थे। हालाकि प्रदेश में बीजेपी की सरकार आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ इस मामले में दर्ज सभी मुकदमे वापस ले लिए गए।
उन्होने कहा कि सरकार के इशारे पर जानबूझकर आगजनी और हिंसा की गई ताकि जनता को डराया जा सके। अखिलेश ने एक पत्रकारवार्ता का आयोजन करके कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने ज्यादती की। पुलिस ने गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी की। यह सब कुछ सरकार के इशारे पर हुआ।
इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री बदला लेने की बात करता हो उस राज्य की पुलिस निष्पक्ष नहीं हो सकती. सरकार के इशारे पर पुलिस ने जानबूझकर आगजनी की ताकि जनता को डराया जा सके। यह लोकतंत्र में विश्वास ना करने वाली सरकार है।