नई दिल्ली। ब्रिटेन के अग्रणी कारोबारी समूह हिंदुजा ग्रुप के चार भाइयों के बीच संपत्ति को लेकर जंग छिड़ गयी है। संपत्ति बंटवारे को लेकर इनके बीच विवाद बढ़ गया गया है। इसके साथ ही यह मामला अब इंग्लैंड हाईकोर्ट पहुंच गया है। हिंदुजा परिवार की गिनती ब्रिटेन के अरबपतियों में होती है। यह मामला अदालत में परिवार के ‘संरक्षक’ कहे जाने वाले 84 वर्षीय श्रीचंद परमानंद हिंदुजा लेकर गए हैं।
उन्होंने अपने भाइयों जीपी हिंदुजा (80), पीपी हिंदुजा (75) और एपी हिंदुजा (69) के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। बता दें कि, हिंदुजा परिवार ब्रिटेन के अरबपतियों में गिना जाता है। छह वर्ष पुराने लेटर में कहा गया है कि सभी भाई एक-दूसरे को अपना निर्वाहक नियुक्त करते हैं और किसी एक भाई के नाम पर संपत्ति में चारों भाइयों का हिस्सा होगा।
श्रीचंद परमानंद हिंदुजा ने हाई कोर्ट में अपनी अपील में इन दस्तावेजों को कानूनी रूप से अप्रभावी घोषित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि यह दस्तावेज न तो वसीयत, न पावर ऑफ अटॉर्नी और न ही किसी अन्य बाध्यकारी दस्तावेज के रूप में मान्य होना चाहिए। वहीं दूसरी ओर इस दस्तावेज के इस्तेमाल को रोकने के लिए भी निर्देश देने की अपील की गई है।
हाई कोर्ट के चांसरी डिविजन में इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति फॉक ने इसमें आंशिक रूप से गोपनीयता आदेश जारी करने से इनकार करते हुए श्रीचंद परमानंद हिंदुजा की बेटी वीनू को उनके पिता की बीमारी की वजह से मुकदमे में मित्र के रूप में काम करने और अपने पिता के हितों का संरक्षण करने की इजाजत दी है। वहीं, तीनों भाइयों ने अपने बयान में कहा है कि दशकों से परिवार में यही परंपरा रही है कि सब कुछ सभी का है और कुछ भी किसी एक का नहीं है।
बयान के मुताबिक, इस मामले में आगे सुनवाई होने से यह परिवार के सिद्धांतों के खिलाफ जाएगा। तीनों भाइयों ने कहा है कि हम अपने परिवार के इस मूल्य की रक्षा करना चाह रहे हैं। ऐसे में अगर तीनों भाइयों का दावा मंजूर हो जाता है तो श्रीचंद परमानंद हिंदुजा के नाम पर जितनी भी दौलत है, वह उनकी बेटी के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों के पास चली जाएगी।