कोलकता। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में महीने भर से प्रदर्शन चल रहा है। इसको लेकर पूरे देश में पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। दिल्ली की राजनीति इसको लेकर गरमाई हुई है। वहीं, इस बीच पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष का विवादित बयान सामने आया है।
उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को कुछ क्यों नहीं हो रहा है, जबकि वे दिल्ली की भीषण ठंड में खुले में प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि बंगाल में सीएए और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी से घबराए लोग खुदकुशी कर रहे हैं। दिलीप घोष ने इस बात पर हैरानी जताते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों समेत प्रदर्शन में शामिल लोग बीमान नहीं पड़ रहे हैं या मर क्यों नहीं रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह बेहद चौंकाने वाला मामला है। क्या उन्होंने कोई अमृत पी लिया है कि उन्हें कुछ हो नहीं रहा है, लेकिन बंगाल में कुछ लोगों द्वारा घबराहट में खुदकुशी करने का दावा किया जा रहा है। दिलीप घोष ने कहा कि नोटबंदी के दौरान काफी कहा गया कि लोग लाइनों में मर रहे थे। जबकि महिलाएं बच्चों के साथ 4 से 5 डिग्री तापमान में बैठे हैं, अब कोय़ई नहीं मर रहा। क्या उन्होंने अमृत पी लिया है?
उन्होंने कहा कि कई हफ्तों से शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया है कि आखिरकार इस प्रदर्शन के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं। बता दें कि दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ सैकड़ों महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। यहां करीब एक महीने से भी ज्यादा समय से प्रदर्शन चल रहा है।