लखनऊ: हर महिला को पीरियड्स के दर्द से हर महीने गुजरना पड़ता है। इस बात मे कोई दो राय नहीं है कि मासिक धर्म का दर्द बड़ा असहनीय होता है। लेकिन इससे जुड़ी जो जरूरी सच्चाई है उसके बारे में शायद ही किसी को महिला को मालूम होगा।
ये बात भी है कि शायद ही कोई इस पहलू पर ध्यान देता होगा, या आपको सच में नहीं पता हो इन जरूरी सच्चाईयों के बारे में… तो कोई नहीं आज जान लीजिए। आज हम आपको इससे जुड़ी 5 महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताते हैं, जिन्हें जानकर आप सोचेंगे कि क्या सच में ऐसा होता है? आइये जानतें हैं…
पीरियड की वजह से आपके शरीर में आयरन की कमी भी हो सकती है। अगर प्रवाह ज्यादा है तो आपको यह परेशानी होती है, जिसकी वजन से आप थकावट महसूस करती हैं।
मासिक धर्म के लिए बॉडी फैट(वसा) होना जरूरी है। अगर आपके शरीर में उपस्थित वसा 8-12 प्रतिशत कम हो जाता है तो आपके पीरियड अचानक से बंद हो जाने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। महिलाओं में उपस्थित वसा कोशिकाएं एस्ट्रोजिन लेवल से संबंधित हैं, इसलिए यह प्रजनन और मासिक धर्म दोनों के लिए जरूरी है
जब आपको पीरियड होने वाले होते हैं तो आपके शरीर में गर्भावस्था जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। चिड़चिड़ापन, पेट फूलना, मुंहांसे आना, शरीर के तरल पदार्थों का रुकना आदि ये सब चीजें गर्भावस्था के दौरान होती हैं तो अगर ये सब आप पीरियड के दौरान महसूस करती हैं तो चिंता मत करिए, ये स्वाभाविक है।
ठंड के महीनों में पीरियड के प्रभाव और ज्यादा बढ़ जाते हैं और ज्यादा कष्टप्रद हो जाते हैं। जैसे दर्द का बढ़ना, रक्त प्रवाह का बढ़ना और यहां तक कि गर्मी की तुलना में पीरियड की अवधि यानि कि दिन भी बढ़ जाते हैं।
हम हमेशा बात करते हैं कि हमारा पीरियड हमारे आस-पास की महिलाओं के साथ ताल-मेल बैठा के आता है, पर ऐसा नहीं है। समकालिक पीरियड अबतक वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित नहीं है।