नई दिल्ली। आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के जन्मदिन के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की सपनों वाली अटल भूजल योजना की शुरुआत की। इस योजना से सात राज्यों के 8350 गांव लाभान्वित होंगे। इसके अलावा मनाली को लेह से जोड़ने वाली रोहतांग सुरंग का नाम भी अटल सुरंग रखा गया है।
केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें 3000 करोड़ रुपये विश्वबैंक और 3000 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार देगी। शुरुआती चरण में इसे देश के सात राज्यों में लॉन्च किया गया है। हालांकि बाद में इसका दायरा अन्य राज्यों में भी बढ़ाया जाएगा।
अटल जल योजना उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी जहां भूमिगत जल स्तर बहुत नीचे है। जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली यह योजना पानी को जमीन से बाहर निकालने की गति को कम करने और जमीन में पानी के स्तर को बढ़ाने के लिए काम करेगी।
अटल भूजल योजना से महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात राज्यों के भूजल का स्तर उठाने में बहुत मदद मिलेगी। इन सात राज्यों के 78 जिलों में 8,300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। जल स्तर में सुधार के लिए सरकार जागरूकता अभियान भी चलाएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि पानी का विषय अटल जी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, उनके हृदय के बहुत करीब था। अटल जल योजना हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइंस, ये 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ा कदम हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण एक बड़ी परियोजना का नाम अटल जी को समर्पित किया गया है। हिमाचल प्रदेश को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर से जोड़ने वाली, मनाली को लेह से जोड़ने वाली रोहतांग टनल अब अटल टनल के नाम से जानी जाएगी।