नई दिल्ली: हम सभी ने इतिहास में कई ऐसी रानियों और राजकुमारियों के बारे में पढ़ा होगा जो अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती हैं। एक ऐसी ही राजकुमारी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जो विश्व की सबसे खूबसूरत राजकुमारी के नाम से जानी जाती है। हम बात कर रहे हैं लगभग 37 ईस्वी में मिस्र की राजकुमारी क्लियोपैट्रा की, जिनको सुंदरता की देवी भी कहा जाता था।
क्लियोपैट्रा को न सिर्फ उनकी सुंदरता के लिए जाना जाता है बल्कि उनका जीवन भी काफी रहस्मयी रहा था। जो आज भी खोजकर्ताओं को उनकी तरफ आकर्षित करता है। क्लियोपैट्रा जितनी सुंदर थी, उससे कहीं ज्यादा चतुर और षड्यंत्रकारी भी थी।
पिता की मृत्यु के बाद मात्र 14 वर्ष की आयु में क्लियोपैट्रा और उसके भाई टोलेमी दियोनिसस को संयुक्त रूप से राज्य प्राप्त हुआ। भाई को राज्य पर क्लियोपेट्रा की सत्ता सहन नहीं हुई और बगावत हो गई। क्लियोपैट्रा को अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा और सीरिया में शरण लेनी पड़ी, मगर इस राजकुमारी ने साहस नहीं छोड़ा। रोम के शासक जूलियस सीजर को अपने मोह में फंसाकर क्लियोपेट्रा ने मिस्र पर हमला करवाया और सीजर ने टोलेमी को मारकर क्लियोपैट्रा को मिस्र के राजसिंहासन पर बैठाया।
क्लियोपैट्रा की मौत से भी एक खास रहस्य जुड़ा हुआ है। रोमन राज्य के पहले सम्राट ऑगस्टस ने क्लियोपैट्रा की हार पर अपना शासन स्थापित किया था। शोध के अनुसार, जब ऑगस्टस के पास अपने सम्मान में साल के एक महीने का नाम अपने नाम पर रखने का मौका था, तो क्लियोपैट्रा की हार का एक वार्षिक अनुस्मारक बनाने के लिए उन्होंने आठवें महीने को चुना, जिसमें क्लियोपेट्रा की मृत्यु हुई थी।
ऑगस्टस क्लियोपैट्रा को रोम में एक बंदी के रूप में रखने वाले थे। लेकिन उसे रोकने के लिए क्लियोपैट्रा ने खुद को मार डाला। इससे साफ होता है कि क्लियोपैट्रा अपने प्यार के लिए नहीं मरी थी। क्लियोपैट्रा ने शर्मिंदा और असहाय होने की हिंसा को झेलने के बजाय मौत को चुना। क्लियोपैट्रा आज इतिहास में एक ऐसी रहस्यमयी शख्सियत के रूप में दर्ज हैं जिसके रहस्य पर से परदा हटाने का सिलसिला अभी भी जारी है।