नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना संकट के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पांचवीं बार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। जिसमें लॉक डाउन और कोरोना वायरस को लेकर चर्चा की गई। साथ ही मुख्यमंत्रियों ने भी इसमें अपने सुझाव दिए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि हम आपके लोगों के उत्साह के चलते कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि जो इस बैठक के दौरान अपनी बात पूरी नहीं कर पाए हैं वह 15 मई तक अपने सुझाव दें। हम इस पर भी विचार कर रहे हैं कि कैसे आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा सकती है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद नई जीवनशैली भी विकसित होगी। साथ ही पर्यटक में भी असीम संभावना है, उसे भी एक अन्य नजरिए से देखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी को ध्यान में रखकर शिक्षा के नए मॉडल बनाने होंगे।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जन से जग तक‘ का नया नारा भी दिया है। इसके पीछे उनका तर्क था कि जिस तरह से प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व बदल गया था उसी तरह कोरोना संक्रमण के बाद भी दुनिया बदल जाएगी। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पीएमओ राज्यों को भी लाॅक डाउन के नियमों से निपटने का अधिकार देने पर विचार कर रहा है। ताकि राज्य अधिनियम को लागू करना चाहते हैं वे राज्य में लगा सके।
भारत ने बहुत हद तक पाई सफलता
वहीं इस बैठक से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस से खुद को बचाने में बहुत हद तक सफलता पाई है। साथ ही राज्यों ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाई। हालांकि यदि 2 गज की दूरी ढीली हुई तो कोरोना के मामले बढ़ेंगे। देश में लाॅकडाउन लागू करने में हम सब की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन देश के कई हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां गति पकड़ रही है और आगामी दिनों में इसमें तेजी आएगी।