नई दिल्ली। लोकसभा में पास होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल पर सरकार की अग्निपरीक्षा आज राज्यसभा में है। गृह मंत्री अमित शाह ने बिल राज्यसभा में पेश कर दिया है। बिल पर जोरदार चर्चा जारी है। इस बीच लोकसभा में बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना के यूटर्न और जदयू में खटपट के बाद हालांकि विपक्ष का हौसला बढ़ा है, मगर इसके बावजूद संख्या बल सरकार के साथ है।
तृणमुल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रयान ने राज्यसभा की चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि यह बिल असंवैधानिक है। इस पर संग्राम-जनआंदोलन होगा। धमकी भरे अंदाज में ब्रयान ने कहा कि टीएमसी को इसकी आदत है। उन्होंने कहा कि ये बिल सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगा क्योंकि इनकी नींव झूठ, झांसा और जुमला है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हमें यह सिखाने की कोशिश न करें कि बंगाली होने का मतलब क्या है। हम आज इन सभी लोगों को देख रहे हैं कि हमें यह सिखाने की कोशिश की जा रही है कि सच्चा बंगाली होने का क्या मतलब है और देशभक्ति का क्या मतलब है। हमें राष्ट्रवाद और देशभक्ति सिखाने की कोशिश न करें। ब्रिटिश जेलों के रिकॉर्ड को देखें कि देशभक्त बंगाली कैसे होते हैं। आप हमें सिखाने वाले कौन हैं?
इससे पहले कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने चर्चा के दौरान कहा कि हम पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं और हम अपने बुजुर्गों से मिलते हैं। इसलिए अगर सरदार पटेल मोदी जी से मिलेंगे तो वे उनसे बहुत नाराज होंगे, गांधी जी भी जरूर उदास होंगे, लेकिन सरदार पटेल वास्तव में बहुत नाराज होंगे।
कांग्रेस से वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि आपने (अमित शाह) इतिहास लिखने का किसी को प्रॉजेक्ट दिया है तो कृपा कर ऐसा न करें। औपचारिक रूस से सावरकर ने घोषणा की थी कि जिन्ना के टू नेशन थिअरी से मुझे कोई आपत्ति नहीं है। यह कांग्रेस ने नहीं दी थी।
भाजपा सांसद जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा को जवाब देते हुए राज्यसभा में कहा 2003 में राज्यसभा में डॉ. मनमोहन सिंह ने तत्कालीन डिप्टी पीएम आडवाणी जी से कि बांग्लादेश जैसे देशों में शरणार्थियों के उत्पीड़न अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर कहा था कि हमें उन्हें नागरिकता देने में अधिक उदार दृष्टिकोण रखना चाहिए। जो उन्होंने कहा अब हम उसका पालन कर रहे हैं।